Uncategorized

महासभा में, ग़ाज़ा युद्धविराम की मांग व UNRWA के समर्थन में दो प्रस्ताव पारित

महासभा में, ग़ाज़ा युद्धविराम की मांग व UNRWA के समर्थन में दो प्रस्ताव पारित

महासभा का यह आपात विशेष सत्र, हाल ही में, ग़ाज़ा में युद्धविराम की मांग करने वाला एक प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में संयुक्त राज्य अमेरिका के वीटो के कारण नाकाम होने के बाद के हालात में बुलाया गया था.

UNRWA मध्य पूर्व में लगभग 60 लाख फ़लस्तीनी शरणार्थियों की मदद करती है.

इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में तत्काल, बिना शर्त और स्थाई युद्धविराम की मांग करने वाले प्रस्ताव के समर्थन में 158 वोट पड़े और इसके विरोध में 9 देशों ने मतदान किया. 

13 देशों ने मतदान में शिरकत नहीं की. 

इस प्रस्ताव में सभी पक्षों से युद्धविराम का सम्मान किए जाने का भी आहवान किया गया है.

साथ ही प्रस्ताव में तमाम बन्धकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की भी मांग दोहराई गई है.

यूएन महासभा ने इस प्रस्तावों में सभी पक्षों से, लोगों को गिरफ़्तार किए जाने और हिरासत में रखे गए लोगों की स्थिति के बारे में, मनमाने तरीक़े से बन्धक बनाए गए या हिरासत में लिए गए तमाम लोगों को रिहा किए जाने व सभी मृत व्यक्तियों के शव जारी किए जाने के बारे में, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अन्तर्गत अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाने का भी आहवान किया है.

निर्बाध सहायता आपूर्ति सुनिश्चित हो

महासभा के प्रस्ताव में, ग़ाज़ा पट्टी में नागरिक आबादी तक बुनियादी सेवाओं और अत्यन्त अहम मानवीय सहायता की आपूर्ति सुनिश्चित करने की भी पुकार लगाई गई है.

प्रस्ताव में फ़लस्तीनियों को भूखे रखे जाने के प्रयासों को रद्द किया गया है और ग़ाज़ा में संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में प्रवेश को आसान बनाए जाने का आहवान किया गया है.

महासभा ने ज़ोर भिन्न प्रकार के अपराधों को अंजाम दिए जाने के बारे में जवाबदेही निर्धारित किए जाने और दो-राष्ट्र की स्थापना के समाधान के लिए प्रतिबद्धता की पुष्टि भी दोहराई.

इस समाधान में लोकतांत्रिक रूप से चुने गए इसराइल के साथ-साथ एक फ़लस्तीनी देश शान्ति व सुरक्षा के साथ एक साथ रहें, और ग़ाज़ा उसका हिस्सा हो और जिसमें फ़लस्तीनी देश की सीमाएँ अन्तरराष्ट्रीय क़ानून व संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों से मेल खाती हो.

महासभा ने, ग़ाज़ा पट्टी में जनसंख्या के बारे में या उसकी क्षेत्रीय अखंडता के बारे में कोई फेरबदल किए जाने के प्रयासों को सख़्ती से ख़ारिज किया है.

Source link

Most Popular

To Top