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सीरिया: गहराते संकट के बीच, यूएन ने सहायता प्रयास जारी रखने के लिए जताई प्रतिबद्धता

सीरिया: गहराते संकट के बीच, यूएन ने सहायता प्रयास जारी रखने के लिए जताई प्रतिबद्धता

पश्चिमोत्तर सीरिया में भड़की हिंसा की वजह से पिछले कुछ दिनों में तीन लाख से अधिक लोग विस्थापित होने के लिए मजबूर हुए हैं. सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबन्धित आतंकी गुट हयात तहरीर अल-शाम के नेतृत्व में अन्य हथियारबन्द गुटों ने, सीरियाई सरकार के नियंत्रण वाले इलाक़ों पर बड़े पैमाने पर हमले किए हैं, जिससे हालात बिगड़े हैं.

सीरिया में मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) के वरिष्ठ अधिकारी ऐडम अब्देलमौला ने शनिवार को जारी अपने एक वक्तव्य में बताया कि जो यूएन कर्मचारी अति-महत्वपूर्ण कामकाज से नहीं जुड़े हैं, तेज़ी से बदलते हालात के मद्देनज़र उन्हें देश से बाहर भेजा जा रहा है.

यूएन रैज़िडेंट कोऑर्डिनेटर और मानवतावदी समन्वयक ने ज़ोर देकर कहा कि अफ़वाहें उड़ाई जा रही हैं कि संयुक्त राष्ट्र, सीरिया से अपने सभी कर्मचारियों को हटा रहा है, मगर ये झूठ है.

ऐडम अब्देलमौला ने स्पष्ट किया कि यह सीरिया से सुरक्षित स्थान की ओर रवाना होने की बात नहीं है और संगठन, देश की जनता के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है. “इस महत्वपूर्ण समय में संयुक्त राष्ट्र सीरिया में मौजूदगी बनाए रखने और लोगों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है.”

यूएन के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, देश में मानवीय हालात बद से बदतर हो रहे हैं और अनेक विस्थापित लोग अब देश के पूर्वोत्तर हिस्से में शरण पाने की कोशिश कर रहे हैं. बहुत से लोग लड़ाई के अग्रिम मोर्चे वाले इलाक़ों में फँसे हुए है और उनके लिए वहाँ से बाहर निकल पाना सम्भव नहीं है.

“हताहत आम नागरिकों की संख्या निरन्तर बढ़ रही है, जिनमें महिलाएँ व बच्चे भी हैं. ये हालात समन्वित ढंग से मानवीय सहायता कार्रवाई किए जाने की अहमियत को रेखांकित करते हैं.”

इस क्रम में, उन्होंने सभी पक्षों से आग्रह किया कि आम नागरिकों, सहायताकर्मियों की रक्षा की जानी होगी और अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून के तहत तयशुदा दायित्वों का निर्वहन किया जाना होगा.

मानवतावादी समन्वयक ऐडम अब्देलमौला ने बताया कि सीरिया में संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी अहम मानवतावादी प्रयासों व सहायता अभियान को जारी रखने के लिए प्रयासरत हैं. “भोजन हो, जल या मेडिकल सहायता हो, हम ज़रूरमन्दों तक पहुँचने के लिए संकल्पित हैं, फिर चाहे वे कहीं भी हों.”

राजनैतिक वार्ता का आग्रह

इस बीच, सीरिया के लिए यूएन के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने जिनीवा में तत्काल बातचीत किए जाने पर बल दिया है, ताकि व्यवस्थित ढंग से राजनैतिक बदलाव को सुनिश्चित किया जा सके.

उन्होंने क़तर की राजधानी दोहा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए सीरिया में हिंसक टकराव को रोकने, शान्ति स्थापित करने, रक्तपात से बचने और आम नागरिकों की रक्षा किए जाने की अपील दोहराई.

विशेष दूत ने कहा कि एक ऐसी प्रक्रिया की शुरुआत की जानी होगी, जिससे सीरियाई जनता की जायज़ आकाँक्षाओं को पूरा किया जा सके.

उन्होंने ईरान, रूस व तुर्कीये के मंत्रियों से मुलाक़ात की है और अमेरिका, फ़्राँस, ब्रिटेन, जर्मनी व योरोपीय संघ के प्रतिनिधियों के साथ भी विचार-विमर्श किया है.

गेयर पैडरसन ने कहा कि जिनीवा में सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 को लागू किए जाने के लिए तत्काल राजनैतिक वार्ता की आवश्यकता है, जिसमें सीरिया में शान्ति स्थापना और सीरियाई जनता के नेतृत्व में राजनैतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाए जाने का रोडमैप दिया गया है.

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