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लेबनान: UNIFIL शान्तिरक्षकों की सुरक्षा की गारंटी दी जानी होगी – यूएन महासचिव

लेबनान: UNIFIL शान्तिरक्षकों की सुरक्षा की गारंटी दी जानी होगी – यूएन महासचिव

यूएन मिशन ने रविवार को जारी अपने एक वक्तव्य में बताया कि स्थानीय समयानुसार, सुबह साढ़े चार बजे इसराइली सेना के दो मरकावा टैंकों ने तैनाती स्थल के मुख्य द्वार को ध्वस्त कर दिया और जबरन वहाँ प्रवेश किया.

यूएन मिशन ने इस घटना पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि इसराइली सैन्य बलों की उपस्थिति से शान्तिरक्षकों के लिए ख़तरा है. इसके बाद क़रीब 43 मिनट बाद ये टैंक वहाँ से बाहर गए.

इसके बाद, इसी शिविर पर तैनात शान्तिरक्षकों ने बताया कि लगभग 100 मीटर दूर कई राउंड की गोलीबारी हुई, जिससे वहाँ धुँआ फैल गया.

लेबनान में पिछले कुछ दिनों में इसराइली सैन्य बलों के हवाई हमलों और ज़मीनी कार्रवाई के बीच, यूएन शान्तिरक्षक भी हिंसा की चपेट में आए हैं और अब तक पाँच के घायल होने का समाचार है. यूएन शिविर व परिसर को नुक़सान पहुँचा है और आवाजाही में व्यवधान आया है.

यूएन महासचिव ने अपने वक्तव्य में दोहराया कि यूएन कर्मचारियों व सम्पत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी होगी और यूएन परिसर के उल्लंघन से हर हाल में बचा जाना होगा.

उन्होंने अपने दायित्व को सम्भाल रहे UNIFIL मिशन के कर्मचारियों की सराहना की है, जिनके समर्पण के परिणामस्वरूप यूएन ध्वज फहरा रहा है.

अहम दायित्व

वक्तव्य में कहा गया है कि यूएन मिशन द्वारा हालात की निरन्तर समीक्षा की जा रही है ताकि शान्तिरक्षकों की सुरक्षा व मिशन की मौजूदगी के बारे में निर्णय लिया जा सके.

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि दक्षिणी लेबनान में UNIFIL की भूमिका और उसकी उपस्थिति, सुरक्षा परिषद द्वारा सौंपे गए दायित्व के तहत हुई है.

“इस सन्दर्भ में, UNIFIL प्रस्ताव 1701 के आधार पर एक कूटनैतिक समाधान को समर्थन देने के लिए अपनी क्षमता बरक़रार रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जोकि आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.”

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा स्थापित UNIFIL मिशन का दायित्व, इसराइल और हिज़बुल्लाह गुट के बीच लड़ाई पर विराम की निगरानी करना, दक्षिणी लेबनान से इसराइली सैनिकों की वापसी सुनिश्चित करना और इस क्षेत्र में लेबनान सरकार की राजसत्ता को बहाल करना है.

अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने कहा कि UNIFIL शान्तिरक्षकों और उसके परिसर को कभी भी निशाना नहीं बनाया जाना होगा. उनके अनुसार, शान्तिरक्षकों के विरुद्ध हमले, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून की अवहेलना है और उन्हें युद्ध अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है.

महासचिव गुटेरेश ने सभी पक्षों से आग्रह किया है कि यूएन शान्तिरक्षकों को जोखिम में डालने वाले किसी भी क़दम से बचा जाना होगा. उन्होंने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 को पूर्ण रूप से लागू करने और टकराव पर विराम लगाने की अपनी अपील दोहराई है.

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