तुर्कीये के राष्ट्रपति ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र की वार्षिक जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए कहा, “संयुक्त राष्ट्र अपनी संस्थापना का मिशन पूरा करने में विफल हो गया है और धीरे-धीरे एक नाकाम ढाँचा बनकर रह गया है.”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि “अन्तरराष्ट्रीय न्याय सुरक्षा परिषद के पाँच विशिष्ट स्थाई सदस्यों की इच्छा पर नहीं छोड़ा जा सकता है.”
उन्होंने ग़ाज़ा में जनसंहार की तरफ़ ध्यान दिलाते हुए कहा, “दुनिया, इन पाँच देशों से कहीं अधिक विशाल है.”
ध्यान रहे कि ग़ाज़ा में लगभग एक साल से जारी इसराइली बमबारी में, स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 41 हज़ार से अधिक लोग फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं.
‘महिलाओं और बच्चों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी क़ब्रगाह’
राष्ट्रपति ऐरदोआन ने कहा कि ग़ाज़ा, “महिलाओं और बच्चों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी क़ब्रगाह” बन गया है, वो भी ऐसे समय में जब सत्य अपने आप में, “दम तोड़ रहा है” और “एक अधिक न्यायसंगत दुनिया में जीने की इनसानियत की उम्मीदें, एक-एक करके दम तोड़ रही हैं.”
उन्होंने यूएन सुरक्षा परिषद का आहवान करते हुए कहा कि “आप इस जनसंहार को होते हुए देखने की शर्म कब तक सहन और वहन करते रहेंगे.”
तुर्कीये के राष्ट्रपति ने “बुनियादी मानवाधिकारों की अनदेखी करने, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के साथ खुल्लम-खुल्ला खिलवाड़ करने, नस्लीय सफ़ाए को अंजाम देने, एक राष्ट्र और वहाँ के लोगों के विरुद्ध स्पष्ट जनसंहार करने, और उन लोगों की ज़मीन को एक-एक क़दम के ज़रिए हड़पने“ के लिए इसराइल की निन्दा की.
राष्ट्रपति रैचप तैयप ऐरदोआन ने याद दिलाते हुए कहा कि 70 वर्ष पहले, जिस तरह हिटलर को, एक मानवता गठबन्धन ने रोका था (इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन) नेतान्याहू और “उनके हत्यारे नैटवर्क” को भी एक मानवता गठबन्धन के ज़रिए ही रोका जाना होगा.
उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से, फ़लस्तीनी लोगों के लिए एक संरक्षण व्यवस्था विकसित किया जाना ज़रूरी बताते हुए दोहराया कि “हमें इसराइल के लोगों से कोई दुश्मनी या द्वेष नहीं है; यहूदीवाद विरोध को भी उसी तरह नकारते हैं, जिस तरह हम मुसलमानों पर, केवल उनकी आस्था के आधार पर हमले किए जाने का विरोध करते हैं.”
उन्होंने अपने भाषण के अन्त में कहा कि “हम परिवार, इनसानों की हिफ़ाज़त करने; और अन्य सदस्य देशों के साथ एकजुटता गठित करने से पीछे नहीं हटेंगे.”