ग़ाज़ा में महीनों से जारी बमबारी में, आम लोगों और UNRWA के कर्मचारियों की मौतें हो रही हैं, इस सन्दर्भ में “संयुक्त राष्ट्र पर हमले हो रहे हैं, बिल्कुल नपे-तुले रूप में और संकेतात्मक रूप में भी.”
जॉर्डन के शाह ने कहा कि ग़ाज़ा में इसराइल के जनसंहारक आचरण के ख़िलाफ़, अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के निर्णय को नज़रअन्दाज़ और बेअसर किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, “इसलिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इस महासभागार के भीतर और बाहर, संयुक्त राष्ट्र के आधारभूत सिद्धान्तों और आदर्शों में भरोसा कमज़ोर पड़ रहा है.”
जॉर्डन के शाह ने कहा, “फ़लस्तीनी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बिल्कुल अभी सटीक समय है. यह अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का नैतिक कर्तव्य है कि वो पूरे क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र में उन लोगों के संरक्षण के लिए एक ठोस व्यवस्था स्थापित करे.”
दंडमुक्ति शक्ति को समेटती है
उन्होंने, यूएन महासचिव की चेतावनी को दोहराते हुए कहा कि “दंडमुक्ति ताक़त एकत्र करती है. अगर उसे बेलगाम छोड़ दिया जाए, तो बढ़ती ही जाती है.”
दुनिया की नज़र ग़ाज़ा पर है, “और इतिहास हमें हमारे साहस के स्तर से हमारे बारे में राय क़ायम करेगा.”
शाह हुसैन ने कहा कि ग़ाज़ा युद्ध को अब लगभग एक वर्ष पूरा हो चुका है, दुनिया राजनैतिक रूप से विफल रही है, “मगर हमारी इनसानियत, ग़ाज़ा के लोगों को अब और निराश नहीं कर सकती है.”