दो विमान, न्यूयॉर्क के मैनहैटन में स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो गगनचुम्बी इमारतों से जा टकराए, जबकि एक अन्य विमान के ज़रिये वॉशिंगटन डीसी के बाहरी इलाक़े में रक्षा मंत्रालय की इमारत, पेंटागन को निशाना बनाया गया.
चौथे विमान के यात्रियों को अपहरणकर्ताओं से नियंत्रण वापिस लेने में सफलता मिली, लेकिन यह पेनसिलवेनिया के एक मैदान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
इन हमलों में मारे गए ढाई हज़ार से अधिक व्यक्तियों में 441 आपात सहायता सेवाओं के कर्मचारी थे. संयुक्त राज्य अमेरिका के इतिहास में किसी एक दिन में इन सेवाओं को होने वाली सबसे बड़ी क्षति है.
हमलों में हज़ारों घायल हुए और बड़ी संख्या में लोग अब भी श्वसन तंत्र, मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी और कैंसर समेत अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म, X, पर अपने सन्देश में कहा कि उनकी सम्वेदना न्यूयॉर्क शहर और हर उस व्यक्ति के साथ है, जिसने 9/11 हमलों में अपने प्रियजन को खोया है.
न्याय की प्रतीक्षा
आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में बुनियादी आज़ादियों और मानवाधिकार मामलों पर यूएन के स्वतंत्र विशेषज्ञ बेन सॉल ने 100 से अधिक देशों के पीड़ितों, उनके परिवारों और प्रियजन को श्रृद्धांजलि दी.
उन्होंने जीवित बचे व्यक्तियों को समर्थन करने के लिए अमेरिका द्वारा किए जा रहे प्रयासों का स्वागत किया, मगर ज़ोर देकर कहा कि न्याय अब भी बहुत लोगों की पहुँच से दूर है.
विशेष रैपोर्टेयर के अनुसार, 9/11 को अपना आम जीवन जी रहे साधारण लोगों के साथ हुई हिंसा का अन्दाज़ा नहीं लगाया जा सकता है और यह मानवता के विरुद्ध अपराध है. इन हमलों के 23 वर्ष बाद भी, पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया है.
बेन सॉल ने अनेक अनसुलझे मुद्दों का उल्लेख किया, जिनमें संदिग्धों को लम्बे समय तक हिरासत में रखे जाने, उनके साथ अमानवीय बर्ताव होने, अनियमित सैन्य आयोगों के सामने मुक़दमे की अन्यायपूर्ण कार्रवाई होने, और सीमित जवाबदेही होने से पीड़ितों और हिरासत में रखे गए व्यक्तियों पर अब भी असर हो रहा है.
इसके मद्देनज़र, उन्होंने अमेरिका से अपील की है कि आतंकवाद निरोधक नीतियों को अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुरूप बनाया जाना होगा.
विशेष रैपोर्टेयर ने अमेरिकी प्रशासन से अपील की है कि उनकी पूर्ववर्ती विशेषज्ञ, फ़ियोनुएला डी. एओलेन की सिफ़ारिशों को पूर्ण रूप से लागू किया जाना होगा. 2023 में अमेरिका और क्यूबा के ग्वांतानामो बे हिरासत केन्द्र का दौरा करने के बाद इन्हें तैयार किया गया था.
पूर्व रैपोर्टेयर ने ज़ोर देकर कहा था कि अमेरिकी सरकार को अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के उल्लंघन के हर मामले में जवाबदेही तय करनी होगी.
मानवाधिकार विशेषज्ञ
विशेष रैपोर्टेयर और स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ, संयुक्त राष्ट्र की विशेष मानवाधिकार प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं.
उनकी नियुक्ति जिनीवा स्थिति यूएन मानवाधिकार परिषद, किसी ख़ास मानवाधिकार मुद्दे या किसी देश की स्थिति की जाँच करके रिपोर्ट सौंपने के लिये करती है.
ये पद मानद होते हैं और मानवाधिकार विशेषज्ञों को उनके इस कामकाज के लिये, संयुक्त राष्ट्र से कोई वेतन नहीं मिलता है.