यूक्रेन में विश्व स्वास्थ्य संगठन कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म, X, पर अपने सन्देश में क्षोभ जताया कि पिछले कुछ हफ़्तों में हमले तेज़ हुए हैं, जिनका आम नागरिकों और सार्वजनिक प्रतिष्ठानों पर असर हुआ है.
पिछले सप्ताहांत से अब तक, यूक्रेन में पूर्वी शहर ख़ारकीव, सूमी व दोनेत्स्क क्षेत्रों, और ड्निप्रो और ज़ैपोरिझिझिया इलाक़ों में अनेक घातक हमले किए गए हैं.
WHO यूक्रेन के अनुसार, लिविव में ‘क्रूर हमलों’ में बच्चों समेत कम से कम सात लोगों की जान गई है और 47 अन्य घायल हुए हैं. इस हमले में एक स्वास्थ्य केन्द्र पर भी असर हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने भी क्षोभ व्यक्त किया है कि ताबड़तोड़ हमलों से बच्चों पर असर हो रहा है और स्कूलों में नए शैक्षणि वर्ष की शुरुआत पर असर हुआ है.
नागरिक प्रतिष्ठानों को नुक़सान
मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) के अनुसार, देश के केन्द्र में स्थित क्रिवि रिह में भी बुधवार को हुए इन हमलों का असर हुआ है. इनमें बड़ी संख्या में आम लोग हताहत हुए हैं और छह स्कूल क्षतिग्रस्त हुए हैं.
यूएन एजेंसी के अनुसार, हमलों के तुरन्त बाद, मानवीय राहतकर्मियों ने प्रभावित आबादी को मेडिकल सहायता, भोजन, पेयजल व मनोसामाजिक समर्थन मुहैया कराया है.
बुधवार को हुए इन हमलों से एक दिन पहले ही, पोलतावा शहर में एक सैन्य अकादमी व नज़दीक स्थित अस्पताल पर मिसाइल हमल में कम से कम 50 लोग मारे गए थे और 270 से अधिक घायल हुए थे.
बताया गया है कि फ़रवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से यह अब तक के सर्वाधिक घातक हमलों में से है.
यूएन मानवतावादी समन्वयक माथियास श्मेल ने बुधवार को पोलतावा में जाकर हमले से हुई हानि का जायज़ा किया. उन्होंने कहा कि इन हमलों में नागरिक प्रतिष्ठानों का विध्वंस हुआ है, जिनमें अनेक स्वास्थ्य केन्द्र व शैक्षणिक संस्थान भी है, और नागरिक प्रतिष्ठानों को तबाह होते देखना क्षोभजनक है.
यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने दोहराया कि अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून का सम्मान किया जाना होगा, आम नागरिकों और नागरिक प्रतिष्ठानों को सुरक्षित रखने के लिए हरसम्भव प्रयास करना होगा.
विस्थापित जन के लिए चिन्ता
शरणार्थी मामलों के लिए यूएन एजेंसी (UNHCR) ने बुधवार को आम नागरिकों पर हो रहे हमलों पर तुरन्त रोक लगाने का आग्रह किया है.
यूएन एजेंसी प्रवक्ता मैथ्यू सॉल्टमार्श ने ध्यान दिलाया कि यूक्रेन युद्ध की वजह से अब तक योरोप में 60 लाख से अधिक लोग, शरणार्थी बन चुके हैं, जबकि 36 लाख लोग देश की सीमाओं के भीतर विस्थापित हुए हैं.
उन्होंने बताया कि फ़िलहाल UNHCR का ध्यान इन हमलों में प्रभावित आबादी तक तत्काल राहत पहुँचाने, शरण देने, दस्तावेज़ तैयार करने और बिछुड़े हुए परिवारों को आपस में मिलाने पर केन्द्रित है.
साथ ही, आगामी सर्दी के मौसम में ईंधन, ऊर्जा, गर्म कपड़े समेत अन्य आवश्यकताएँ बढ़ने की आशंका है, जिसके लिए समय रहते तैयारी करना अहम होगा.