जिन 60 से अधिक लोगों को बन्दी बनाया हुआ है, वो सभी यमनी नागरिक हैं. उनमें 13 यूएन स्टाफ़ और सिविल सोसायटी के सदस्य, स्थानीय और अन्तरराष्ट्रीय ग़ैर-सरकारी संगठनों के सदस्य, कूटनैतिक मिशनों और निजी क्षेत्र के संगठनों के सदस्य शामिल हैं.
उनके अतिरिक्त, संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय – OHCHR और यूनेस्को के भी चार कर्मचारियों को वर्ष 2021 और 2023 से बन्दी बनाया हुआ है.
बदतर होती मानवीय स्थिति
यमन में सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबन्धन से समर्थित सरकारी सेनाओं और हूथी लड़ाकों के बीच लगभग एक दशक से युद्ध चल रहा है. हूथी लड़ाकों को अंसार अल्लाह के नाम से भी जाना जाता है.
इस दौरान संयुक्त राष्ट्र, देश में बदतर होती मानवीय और विकास स्थिति पर लगातार नज़र रखे हुए है.
देश की लगभग आधी आबादी यानि क़रीब एक करोड़ 80 लाख लोग, खाद्य असुरक्षा, महामारियों, विस्थापन, क्षतिग्रस्त हुए बुनियादी ढाँचे और कमज़ोर आर्थिक परिस्थितियों के गम्भीर परिणामों से पीड़ित हैं.
वो निशाना नहीं हैं
महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने, न्यूयॉर्क में दैनिक नियमित प्रैस वार्ता में बताया कि संयुक्त राष्ट्र यमन में युद्धक हालात का असर लोगों पर हो रहे प्रभाव का सामना करने के लिए अथक काम कर रहा है, मगर संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाना बहुत ज़रूरी है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार जब ख़ुद को मिले शासनादेशों को लागू करने के लिए काम कर रहे हों तो उन्हें कभी भी निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए, ना उन्हें गिरफ़्तार किया जाना चाहिए और ना ही हिरासत में लिया जाना चाहिए.
मानवाधिकार कार्यालय वापिस सौंपा गया
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यमन की राजधानी सना में स्थित यूएन मानवाधिकार कार्यालय परिसर में, हूथी लड़ाकों के जबरन घुस जाने की तीखी निन्दा की है.
यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने बताया कि मानवाधिकार कार्यालय को, यमन में यूएन रैज़िडैंट और मानवीय कोऑर्डिनिटेर जूलियेन हारनीस को वापिस सौंप दिया गया है. ऐसी जानकारी मिली है कि मानवाधिकार कार्यालय अपनी मूल स्थिति में है, मगर सामान व स्थिति की जाँच-पड़ताल की जा रही है.
प्रवक्ता ने पत्रकारों को बताया कि रैज़िडैंट ओऑर्डिनेटर इस घटनाक्रम से प्रफुल्लित हैं और तमाम यूएन स्टाफ़ व अन्य लोगों की तुरन्त और बिना शर्त रिहाई की अपनी पुकार दोहराई है.
बच्चों में कुपोषण में उछाल
यमन में सरकार के नियंत्रण वाले इलाक़ों में, बच्चों में अत्यन्त गम्भीर कुपोषण में उछाल आने की ख़बरें मिल रही हैं. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और साझीदारों ने रविवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.
एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण (IPC) के तकनीकी कार्यकारी समूह के एक विश्लेषण के अनुसार, कुपोषण के मामलों में यह उछाल, हैज़ा और मलेरिया सहित अनेक बीमारियों, उच्च स्तर की खाद्य असुरक्षा और साफ़ पानी व अन्य अनिवार्य सेवाओं तक लोगों की कम पहुँच के कारण हो रहा है.
इस रिपोर्ट में पाया गया है कि सरकार के नियंत्रण वाले इलाक़ों में, अत्यन्त गम्भीर कुपोषण से पीड़ित 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की संख्या में, पिछले वर्ष की तुलना में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
कुल मिलाकर लगभग छह लाख लड़के और लड़कियाँ प्रभावित हैं, जिनमें एक लाख 20 हज़ार गम्भीर रूप से कुपोषित हैं.
उनके अतिरिक्त इन इलाक़ों में, दो लाख 23 हज़ार गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी अत्यन्त गम्भीर रूप से कुपोषित पाया गया है.