संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने एक ईमेल सन्देश में कहा है कि इन हमलों की परिस्थितियों के बारे में और अधिक जानकारी का इन्तेज़ार किया जा रहा है.
इस बीच सभी पक्षों से अधिकतम संयम बरते जाने की अपील की गई है, और सभी पक्षों से तनाव को और अधिक भड़काने से बचने की भी पुकार लगाई गई है.
प्रवक्ता ने सभी पक्षों से, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अन्तर्गत अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाने का भी आहवान किया है. इनमें संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव संख्या – 1701 पर, तत्काल पूरी तरह से अमल किया जाना भी शामिल है.
यह प्रस्ताव वर्ष 2006 में इसराइल और हिज़बुल्लाह के दरम्यान हुए युद्ध की स्थिति पर पारित किया गया था, जिसमें युद्धक गतिविधियों को तत्काल रोके जाने की पुकार लगाई गई है.
लेबनान के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष संयोजक जिनीन हैनिस-प्लैश्शार्ट ने एक वक्तव्य जारी करके, शान्ति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने इसराइली हमलों पर भी गहरी चिन्ता व्यक्त की है, जो राजधानी बेरूत के बहुत घनी आबादी वाले इलाक़ों में हुए हैं.
उन्होंने ध्यान दिलायाहै कि “सैन्य समाधान जैसी कोई चीज़ नहीं है”, और उन्होंने इसराइल व लेबनान दोनों से ही युद्धक गतिविधियों को रोकने और सुरक्षा परिषद के प्रस्ता – 1701 (2006) पर अमल के लिए अपनी प्रतिबद्धता फिर पुष्ट करने की ख़ातिर कूटनैतिक अवसरों और विकल्पों का रास्ता अपनाने का आग्रह किया है.
ग़ौरतलब है कि बेरूत में इसराइल केे इन हमलों को, इसराइल द्वारा क़ाबिज़ सीरियाई गोलान पहाड़ियों के एक इलाक़े में, शनिवार को हुए रॉकेट हमलों के सन्दर्भ में देखा जा रहा है. उन उन हमलों में कम से कम 12 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर बच्चे व किशोर थे.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उन रॉकेट हमलों की निन्दा की थी.