बारबेडॉस एवं पूर्वी कैरीबियाई क्षेत्र के लिए यूएन के रैज़ीडेंट कोऑर्डिनेटर साइमन स्प्रिंगेट ने ग्रेनाडा से जानकारी देते हुए बताया कि कैरियाकू द्वीप से 1 जुलाई को चक्रवाती तूफ़ान ‘बेरिल’ टकराया, जिससे यहाँ भारी नुक़सान हुआ है.
“पूरा द्वीप प्रभावित हुआ है…जोकि कुल आबादी का वस्तुत: 100 फ़ीसदी है.”
अटलांटिक महासागर में जून महीने के दौरान पहली बार इतना शक्तिशाली चक्रवाती तूफ़ान बना है, जो बेहद तेज़ी से पहले श्रेणी 4 और फिर श्रेणी 5 के तूफ़ान में बदल गया और अपने साथ 240 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवा के झोंके लाया.
श्रेणी 4 के चक्रवाती तूफ़ान के रूप में, ‘बेरिल’ ने ग्रेनाडा और सेंट विंसेंट एंड द ग्रेनेडीन्स में 1 जुलाई को तबाही मचाई, और फिर 3 जुलाई को जमैका को अपनी चपेट में लिया.
शुक्रवार शाम को ‘बेरिल’, मैक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप पर टकराया है, और सोमवार सुबह इसके अमेरिका के दक्षिणी टैक्सस प्रान्त पहुँचने की सम्भावना है.
यूएन रैज़ीडेंट कोऑर्डिनेटर साइमन स्प्रिंगेट ने बताया कि यह एक बेहद जटिल संकट है, और प्रभावित इलाक़ों तक पहुँचना, वहाँ सहायता अभियान की संचालन व्यवस्था करना बेहद चुनौतीपूर्ण है.
चक्रवाती तूफ़ान के चार दिन बीत जाने के बाद भी, द्वीप पर सड़कों से गुज़रना सम्भव नहीं है और संचार गुरूवार राहत को ही बहाल हो पाया है.
मौजूदा अनुमान के अनुसार, सेंट विंसेंट एंड द ग्रेनेडीन्स में 40 हज़ार, ग्रेनाडा में एक लाख 10 हज़ार और जमैका में 9 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
अन्तरराष्ट्रीय समर्थन
कई देशों ने चक्रवाती तूफ़ान प्रभावित इलाक़ों के लिए मानवीय राहत सामग्री रवाना की है. फ्राँस का एक जहाज़ कैरियाकू पहुँचा है और गयाना, त्रिनिडाड एंड टोबेगो से भी सहायता मिल रही है.
रैज़ीडेंट कोऑर्डिनेटर के अनुसार बड़े स्तर पर अन्तरराष्ट्रीय सहायता प्राप्त हो रही है और संयुक्त राष्ट्र इन प्रयासों का हिस्सा बनने पर गर्वित है.
साइमन स्प्रिंगेट का कहना है कि कैरीबियाई आपदा आपात प्रबन्धन एजेंसी और क्षेत्रीय एजेंसी के साथ कार्य किया जा रहा है, ताकि समन्वित ढंग से राहत प्रयासों को आगे बढ़ाया जा सके. जमैका और अन्य द्वीपीय देशों में ‘बेरिल’ से हुई क्षति का विस्तृत आकलन करने का काम भी जारी है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जमैका में हर पृष्ठभूमि से आने वाले समुदाय, विशेष रूप से ग्रामीण इलाक़ों में नुक़सान हुआ है. जमैका की सरकार ने यूएन व साझेदार संगठनों द्वारा समर्थित कारगर योजना लागू की है और इस आपदा में अपना घर गँवाने वाले लोगों के लिए शरण की व्यवस्था की गई है.
साथ ही, स्वच्छ पेयजल, संचार सेवाओं की सुलभता, डेटा व आजीविका सम्बन्धी समर्थन भी प्रदान किया जा रहा है.
बड़ी संख्या में बच्चे प्रभावित
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) का कहना है कि ‘बेरिल’ के रास्ते में बारबेडॉस, ग्रेनाडा, सेंट लूशिया, सेंट विंसेंट एंड द ग्रेनेडीन्स, और टोबेगो देश आए, जिससे डेढ़ लाख बच्चों समेत साढ़े छह लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
अनेक परिवारों के घर बर्बाद हो गए हैं और उन्हें अस्थाई शिविरों में रहना पड़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने चक्रवाती तूफ़ान के टकराने से पहले ही जीवनरक्षक सामग्री की व्यवस्था कर ली थी और अब ज़रूरतमन्दों तक उसे पहुँचाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने भी प्रभावित द्वीपों में अपनी टीम तैनात की है और हालात का जायज़ा लेने और आरम्भिक राहत प्रयासों के लिए स्थानीय एजेंसियों को मदद दी जा रही है.
केन्द्रीय आपात प्रतिक्रिया कोष से 40 लाख डॉलर की धनराशि मुहैया कराई गई है ताकि ग्रेनाडा, जमैका और सेंट विंसेंट एंड द ग्रेनेडीन्स में मानवीय सहायता अभियान को आगे बढ़ाया जा सके.