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यूक्रेन: बढ़ते हमलों के बीच वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए पनपते जोखिम पर चिन्ता

यूक्रेन: बढ़ते हमलों के बीच वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए पनपते जोखिम पर चिन्ता

आपात राहत के लिए यूएन समन्वयक जॉयस म्सूया ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क में सुरक्षा परिषद को यूक्रेन में हालात से अवगत कराते हुए यह बात कही है. उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का अन्त करने के लिए प्रयासों की पुकार लगाई है, जोकि अब तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है.

यूक्रेन के अधिकाँश हिस्से रूसी सैन्य बलों के हमलों की जद में हैं, मगर ख़ारकीव क्षेत्र पर सबसे अधिक असर हुआ है. 10 मई के बाद से यहाँ हमलों में तेज़ी आई है.

यूक्रेन में यूएन मानवाधिकार निगरानीकर्ताओं ने बताया कि मई महीने के दौरान देश में 174 लोगों की जान गई और 690 घायल हुए. पिछले एक वर्ष में हताहत होने वाले आम नागरिकों की यह सर्वाधिक संख्या है.

इनमें से आधी संख्या ख़ारकीव में है, जो देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित है. “शॉपिंग केन्द्रों, घरों, शैक्षणिक स्थलों, कार्यालय इमारतों, पार्क व सार्वजनिक परिवहन को हाल के हफ़्तों में निशाना बनाया गया है.”

विस्थापितों के लिए समर्थन

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) का कहना है कि ख़ारकीव क्षेत्र में कम से कम 18 हज़ार लोग नए विस्थापितों में हैं, जिन्हें क़रीब 50 मानवतावादी संगठनों द्वारा भोजन, जल, कपड़े, नक़दी, मनोसामाजिक समर्थन व अन्य प्रकार की सहायता मुहैया कराई जा रही है. 

इस बीच, लड़ाई के अग्रिम मोर्चे और रूसी सीमा के नज़दीक रहने वाले आम नागरिकों को गम्भीर परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है. उनके लिए भोजन, मेडिकल सेवाएँ, बिजली और गैस की आपूर्ति ठप है.

यूक्रेन के ख़ारकीव क्षेत्र में एक छोटा बच्चा, बारूदी सुरंग से प्रभावित इलाक़े में बैठा हुआ है.

यूक्रेन के ख़ारकीव क्षेत्र में एक छोटा बच्चा, बारूदी सुरंग से प्रभावित इलाक़े में बैठा हुआ है.

वृद्धजन इन हालात में विषमतापूर्ण ढंग से सबसे अधिक प्रभावित हैं, चूँकि उनके लिए अपने घर छोड़ कर जाना सरल नहीं है.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के अनुसार, यूक्रेन में 24 फ़रवरी 2022 को रूसी सैन्य बलों के आक्रमण के बाद से अब तक, कम से कम 11 हज़ार आम नागरिकों की जान गई है और 21 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं. हताहतों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की आशंका है. 

बुनियादी ढाँचे पर हमले

यूएन आपात राहत समन्वयक जॉयस म्सूया ने ध्यान दिलाया कि कख़ोवा बाँध को ध्वस्त हुए एक वर्ष बीत चुका है, जोकि नागरिक बुनियादी ढाँचे के क्षतिग्रस्त होने की एक बड़ी घटना थी.

यह बाँध 6 जून 2023 के ध्वस्त हुआ, जिसके बाद विशाल पैमाने पर बाढ़ आई और दूर-दूर तक भूमि जलमग्न हो गई, घर बर्बाद हो गए, हज़ारों परिवार विस्थापित हुए और लाखों लोगों के लिए जल आपूर्ति बाधित हुई.

इस वर्ष 22 मार्च के बाद से अब तक, संयुक्त राष्ट्र और साझेदार संगठनों ने 15 क्षेत्रों में हमलों की छह लहरों की शिनाख़्त की है, जिनसे स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ और अन्य सामाजिक, वित्तीय व परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई है और बिजली, गैस, व जल आपूर्ति में व्यवधान आया है. 

वैश्विक खाद्य आपूर्ति पर जोखिम

यूएन की वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यूक्रेन में ऊर्जा उत्पादन प्रणाली, युद्ध-पूर्व अपनी क्षमता से क़रीब 60 फ़ीसदी कम है.

यूक्रेन में परिवहन और बन्दरगाह सम्बन्धी बुनियादी ढाँचे पर हमलों का असर वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर हो सकता है. पिछले कुछ सप्ताह में, वैश्विक स्तर पर अनाज की क़ीमतों पर दबाव है, जोकि एक चिन्ताजनक संकेत है. इसके लिए यूक्रेन में बुनियादी ढाँचे को पहुँची क्षति एक वजह है.

जॉयस म्सूया ने ज़ोर देकर कहा कि काला सागर क्षेत्र में सुरक्षित आवाजाही की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी, और बन्दरगाहों की रक्षा की जानी होगी, ताकि खाद्य निर्यात वैश्विक बाज़ारों तक पहुँच सकें.

विशाल मानवीय आवश्यकताएँ

उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फ़िलहाल 1.46 करोड़ लोगों को विशाल स्तर पर मानवीय सहायता की आवश्यकता है, जोकि स्थानीय आबादी का क़रीब 40 फ़ीसदी है. इनमें 50 फ़ीसदी से अधिक महिलाएँ व लड़कियाँ हैं. 

वर्ष 2024 में यूक्रेन के लिए 3.1 अरब डॉलर की सहायता अपील जारी की गई थी, मगर फ़िलहाल 85.6 करोड़ डॉलर का ही प्रबन्ध हो पाया है. इसके मद्देनज़र, यूएन मानवीय सहायताकर्मी इस वर्ष की पहली तिमाही में 40 लाख से अधिक लोगों तक सहायता पहुँचा रहे हैं. 

आपात राहत समन्वयक ने कहा कि तीन वर्ष पहले शुरू हुई इस लड़ाई के जारी रहने से ज़िन्दगियाँ, घर, भविष्य तबाह हो रहे हैं.

उन्होंने संकल्प जताया कि संयुक्त राष्ट्र और मानवीय सहायता साझेदार संगठन युद्ध से प्रभावित आम नागरिकों तक मदद पहुँचाने के लिए तैयार है. 

मगर, यूएन अधिकारी ने सचेत किया कि जितने समय तक हिंसा व विध्वंस जारी रहेगा, आम लोगों की पीड़ा उतनी ही गहरी होगी, और तबाह हो चुकी ज़िन्दगियों को फिर से बसाने का काम उतना ही कठिन होता जाएगा.

जॉयस म्सूया ने अपने सम्बोधन का समापन करते हुए यूक्रेन के लिए अगले सप्ताह, जर्मनी की राजधानी बर्लिन में होने वाले सम्मेलन का स्वागत किया, जोकि देश के लिए प्राथमिकताओं को तय करने और ज़रूरी वित्त पोषण का प्रबन्ध करने का एक अहम अवसर होगा. 

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