डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है। जिसमें खाने को लेकर कई तरह के परहेज करने पड़ते हैं। खाने की हर चीज को सोच समझकर खाना होता है। खानपान में थोडा भी लापरवाही करने पर यह बीमारी मौत के दरवाजे तक पहुंचा सकती है। लिहाजा डायबिटीज के मरीजों को डाइट में खासतौर से ध्यान देने के लिए कहा जाता है। इसमें मरीजों को रिफाइंड शुगर और कार्बोहाइड्रेट वाली चीजों से दूर रहना पड़ता है। जबकि अनार (Pomegranate) को इस बीमारी में सबसे अच्छा फल बताया जाता है। अनार में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि इसमें रेड वाइन और ग्रीन टी से लगभग तीन गुना ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जिससे डाइटबिटीज जैसी बीमारी और फ्री रेडिकल्स से होने वाले डैमेज को रोकने का काम करते हैं।
अनार सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है। यह डायबिटीज और हार्ट जैसी बीमारियों के लिए किसी दवा से कम नहीं हैं। अनार में विटामिन B, विटामिन C, विटामिन K, फाइबर, आयरन, पोटैशियम, जिंक, ओमेगा-6 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं।
डायबिटीज के मरीजों के लिए अनार है दवा
अनार में कार्ब्स की मात्र (100 ग्राम अनार में 19 ग्राम कार्ब्स) भी बहुत कम होती है। कार्बोहाइड्रेट के जल्दी मेटाबॉलाइज्ड होने की वजह से खून में शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है। इसलिए डायबिटीज रोगियों को लो कार्ब्स वाली चीजें खाने की सलाह दी जाती है। अनार का अनुमानित ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है। इससे ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ता है। बता दें कि फूड्स का GI) यह तय करता है कि उनमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में बदलने में कितना समय लगेगा। जिस फूड का GI जितना अधिक होगा। वह उतनी जल्दी ग्लूकोज में बढ़ोतरी करेगा। यह डायबिटजी के मरीजों के लिए बेहद नुकसानदायक होता है।
हार्ट के मरीजों के लिए रामबाण है अनार
अनार का जूस पीने से भी हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने में मदद करता है। अनार के सेवन से सूजन में भी कमी आती है। इसके साथ ही यह शरीर के तनाव को कम करता है। अनार में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा यह खून की धमनियों को साफ कर खून के बहाव को बेहतर बनाता है।
खून की कमी को दूर करता है अनार
अगर शरीर में खून की कमी है तो अनार का सेवन कर सकते हैं। इसमें आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर में होने वाली खून की कमी को पूरा करने में मदद करता है।
डिस्क्लेमर – यहां बताए गए उपाय सिर्फ सामान्य ज्ञान पर आधारित हैं। इसके लिए आप किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल से सलाह लेने के बाद ही अपनाएं।