Maidaan : अजय देवगन (Ajay Devgn) की नई फिल्म ‘मैदान’ के लिए राहत की खबर है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य में फिल्म की रिलीज पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। कोर्ट ने अपने एक फैसले में फिल्म के खिलाफ लगे स्क्रिप्ट चोरी के आरोपों को खारिज कर दिया। हाल ही में मैसूर के सेशन कोर्ट में स्क्रिप्ट चोरी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई, जिसके बाद कोर्ट ने इसकी रिलीज पर रोक लगा दी थी। हालांकि, अब कर्नाटक हाई कोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को पलट दिया है। फिल्म मैदान के निर्माता बोनी कपूर और जी स्टूडियोज है।
फिल्म मैदान के निर्माताओं ने एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें मैसूर कोर्ट के आदेश देर से मिले थे और तब तक उनकी फिल्म सिनेमाघरों में आ चुकी थी। कर्नाटक हाई कोर्ट ने आज 11 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई की और फिल्म को मंजूरी दे दी। अनिल कुमार नाम के एक लेखक ने फिल्म के निर्माताओं पर स्क्रिप्ट चोरी का आरोप लगाया था। इस याचिका पर मैसूर सेशन कोर्ट द्वारा ‘मैदान’ की रिलीज पर रोक लगाने के आदेश के बाद कर्नाटक में फिल्म की रिलीज को रोकना पड़ा था।
अनिल कुमार का ये है दावा
अमित शर्मा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में अजय देवगन, प्रियामणि और गजराव राव अहम भूमिका में हैं। विवाद तब खड़ा हुआ जब लेखक अनिल कुमार ने अपने लिंक्डइन अकाउंट पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि उन्होंने मूल रूप से यह कहानी 2010 में लिखी थी।
एक पोस्ट में उन्होंने लिखा: “2010 में मैंने कहानी लिखना शुरू किया और 2018 में मैंने इसके बारे में एक पोस्टर पोस्ट किया, और मैं अपने लिंक्डइन पोस्ट के माध्यम से ऐड डायरेक्टर सुखदास सूर्यवंशी के संपर्क में आया। उन्होंने मुझे बॉम्बे (मुंबई) बुलाया और स्क्रिप्ट लाने को कहा। मेरे पास पूरी चैट हिस्ट्री है। उन्होंने मुझसे कहा कि वह मेरी मुलाकात आमिर खान से कराएंगे, लेकिन कुछ कारणों से मैं उनसे नहीं मिल सका। मैंने उन्हें कहानी दी और इसे स्क्रीन राइटर्स एसोसिएशन के साथ रजिस्टर्ड किया।”
उन्होंने आगे लिखा, ‘हाल ही में मैंने सुना कि ‘मैदान’ नाम की एक फिल्म रिलीज हो रही है। मैं हैरान था क्योंकि मेरी भी यही कहानी है। जब मैंने टीजर और उनके बयान देखे तो मुझे पता चला कि यह मेरी कहानी थी। उन्होंने मुख्य कहानी को ही तोड़-मरोड़ कर यह फिल्म बना दी है। मैंने कहानी का नाम पादकंदुका रखा।”
फिल्म निर्माताओं ने दिया ये तर्क
बोनी कपूर की बे व्यू प्रोजेक्ट्स एलएलपी ने आज एक बयान जारी कर दावा किया कि फिल्म की रिलीज के बाद उन्हें नोटिस दिया गया था और यह “कानून के तहत निरर्थक” है।
बयान में कहा गया, डियर ऑल, हमें अभी-अभी फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने वाले जिला न्यायाधीश के आदेश की प्रति दी गई है। सबसे पहले हम रिकॉर्ड पर रखना चाहेंगे कि जिला न्यायाधीश द्वारा पारित यह आदेश एक पक्षीय आदेश है, हमें सुनवाई का अवसर दिए बिना। यह मुकदमा दायर करने या मामले की सुनवाई से पहले हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया। इसके अलावा, यह आदेश फिल्म की रिलीज के बाद पारित किया गया है और इसलिए पारित ऐसा कोई भी आदेश जो फिल्म की रिलीज पर रोक लगाता है, कानून के तहत निरर्थक है।
हालांकि, हम माननीय कर्नाटक हाई कोर्ट के समक्ष आदेश के खिलाफ अपील दायर कर रहे हैं। बयान में कहा गया है, “हम इस आदेश के ऑपरेशन पर रोक लगाने के लिए तत्काल राहत के लिए मामले को माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष ले जाएंगे।” फिल्म मैदान सैयद अब्दुल रहीम जिन्हें रहीम साब के नाम से भी जाना जाता है, के जीवन पर बेस्ड है, जिन्हें भारतीय फुटबॉल के आर्किटेक्ट के रूप में जाना जाता है।