दौड़ने और चलने में जितना अंतर होता है उतना ही रनिंग (Running) और वॉकिंग शूज़ (Walking Shoes) में भी फर्क होता है। अक्सर लोग एक तरह के जूतों में ही वॉक और रनिंग कर लेते हैं। लेकिन ऐसा लंबे समय तक करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है। रनिंग शूज में वॉक करने और वॉक करने वाले शूज में रनिंग करने से नसों पर दबाव पड़ता है। इसलिए ये जरूर जान लें कि आपके वर्कआउट के हिसाब से आपके जूते ठीक हैं या नहीं? अगर आप नए जूते खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो आपको रनिंग और वॉकिंग शूज में अंतर पता होना जरूरी है।
रनिंग शूज कैसे होने चाहिए?
- दौड़ने वाले शूज वजन में हल्के होने चाहिए। ताकि आप इन्हें पहनकर आसानी से दौड़ सकें। लाइट वेट जूते पहनकर रनिंग करने से पैरों पर कम इम्पैक्ट आता है और थकान भी कम होती है।
- रनिंग शूज में हील्स बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए। हील से पैरों में अतिरिक्त दबाव पड़ता है और आप जल्दी थकान महसूस करने लगते हैं। रनिंग शूज जितना आरामदायक होगा पैरों की नसों पर दबाव कम होगा।
- रनिंग वाले जूतों में मिडसोल में ज्यादा कुशन होता है जिससे पैरों में धक्का, शॉक या चोट कम लगती है। इससे आपको दौड़ते वक्त संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।
- रनिंग शूज़ के आगे वाले हिस्से में भी ज्यादा फ़्लैक्सिबिलिटी दी गई होती ही। इससे तेज भागने में मदद मिलती है। ऐसे जूते आपको गिरने से बचाते हैं और रनिंग में सपोर्ट करते हैं।
वॉकिंग शूज कैसे होने चाहिए?
- वॉक करने वाले जूते रनिंग शूज के मुकाबले थोड़े भारी हो सकते हैं। अगर आपको लॉंग वॉक पर जाना पसंद है तो हल्के और अच्छे कुशनिंग वाले जूते खरीदें। इससे पैरों में जलन या दर्द कम होगा।
- रनिंग शूज की तरह ही वॉकिंग शूज़ में भी मिडसोल अच्छा होना जरूरी है। जब आप तेज वॉक करते तो ये सोल पैरों को शॉक लगने से बचाता है और बैलेंस को ठीक रखता है।
- वॉक वाले शूज में भी हील नहीं होनी चाहिए। इससे आपको लंबी वॉक करने में परेशानी हो सकती है। बिना हील वाले शूज आपको बेहतर सपोर्ट देंगे और आरामदायक रहेंगे।