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Popular Vehicles & Services IPO : लिस्टिंग पर मुनाफा होगा या नुकसान? एक्सपर्ट्स की ये है राय

Popular Vehicles & Services IPO : लिस्टिंग पर मुनाफा होगा या नुकसान? एक्सपर्ट्स की ये है राय

Popular Vehicles & Services IPO : पॉपुलर व्हीकल्स एंड सर्विसेज के शेयरों की लिस्टिंग कल यानी 19 मार्च को होने वाली है। इस आईपीओ को निवेशकों का फीका रिस्पॉन्स मिला। सब्सक्रिप्शन के अंतिम दिन यह पूरी तरह सब्सक्राइब हो सका था। अब एक्सपर्ट्स का कहना है कि सब्सक्रिप्शन नंबर और मार्केट कंडीशन के कमजोर होने के चलते कंपनी के शेयरों की फ्लैट लिस्टिंग हो सकती है। इस आईपीओ को 12-14 मार्च के दौरान केवल 1.23 गुना सब्सक्राइब किया गया है। कंपनी का इरादा इश्यू के जरिए 601.55 करोड़ रुपये जुटाने का था। ग्रे मार्केट में यह इश्यू आज फ्लैट ट्रेड कर रहा है।

Popular Vehicles & Services IPO : क्या है एक्सपर्ट्स की राय

स्टॉक्सबॉक्स के रिसर्च एनालिस्ट पार्थ शाह ने कहा, “कंपनी बिना किसी प्रीमियम के अपने सब्सक्रिप्शन प्राइस पर लिस्ट होने के लिए तैयार है।” पेस 360 के को-फाउंडर अमित गोयल को भी उम्मीद है कि पॉपुलर व्हीकल्स और सर्विसेज की लिस्टिंग 290-295 रुपये के आसपास रहेगी। पॉपुलर व्हीकल्स एंड सर्विसेज भारत में एक डायवर्सिफाइड ऑटोमोबाइल डीलरशिप कंपनी है, जिसका पूरी तरह से इंटीग्रेटेड बिजनेस मॉडल है।

Popular Vehicles & Services IPO : कितना मिला था सब्सक्रिप्शन

इस आईपीओ को निवेशकों की कमजोर प्रतिक्रिया मिली और यह अंतिम दिन तक 1.23 गुना सब्सक्राइब हो सका। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (QIB) का हिस्सा 1.97 गुना और नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स का हिस्सा 0.66 गुना भरा है। वहीं, रिटेल इनवेस्टर्स के हिस्से को 1.05 गुना और एम्प्लॉयी रिजर्व को 7.54 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है।

Popular Vehicles & Services के बारे में

पॉपुलर व्हीकल्स एंड सर्विसेज साल 1983 में इनकॉर्पोरेट हुई है। कंपनी व्हीकल ओनरशिप के पूरे लाइफ सायकल को पूरा करता है, जिसमें नए व्हीकल की बिक्री, वाहनों की सर्विसिंग और मरम्मत, स्पेयर पार्ट्स और एक्सेसरीज डिस्ट्रीब्यूशन, पूर्व-स्वामित्व वाले व्हीकल की बिक्री और एक्सचेंज की सुविधा और ड्राइविंग स्कूलों का संचालन शामिल है।

कंपनी के नेट प्रॉफिट और रेवेन्यू में लगातार इजाफा देखने को मिला है। FY21 में कंपनी का प्रॉफिट ऑफ्टर टैक्स (PAT) 32.46 करोड़ रुपये था, जो कि FY22 में बढ़कर 33.67 करोड़ रुपये और FY23 में 64.07 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह कंपनी का रेवेन्यू FY21 में 2,919.25 करोड़ रुपये से बढ़कर FY22 में 3,484.20 करोड़ रुपये और FY23 में 4,892.63 करोड़ रुपये हो गया है।

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