Mumbai Slum Redevelopment: मुंबई की सबसे बड़ी झुग्गी-बस्ती धारावी (Dharavi) का पुनर्विकास (Redevelopment) पूरा होने के बाद धारावी की बिजनेस यूनिट्स, ‘राज्य वस्तु एवं सेवा कर’ (SGST) रिफंड सहित कई लाभ हासिल कर सकेंगी। अदाणी समूह और महाराष्ट्र सरकार के जॉइंट वेंचर ‘धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट’ (DRP) का कहना है कि यह, स्थानीय कारोबारों को संगठित बनाने का एक कदम है और टैक्स रियायतें इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर की शर्तों के अनुसार हैं।
DRP ने बयान में कहा कि रिडेवलप्ड धारावी में पात्र इंडस्ट्रियल और कमर्शियल यूनिट्स को नई बनी बिल्डिंग्स के ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट की प्राप्ति की तारीख से 5 साल तक जीएसटी रिफंड मिलेगा। टैक्स बेनिफिट, मौजूदा और नए दोनों कारोबारों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद करेंगे। SGST का रिइंबर्समेंट महाराष्ट्र सरकार के वित्त विभाग की ओर से किया जाएगा। रिफंड का दावा करते समय बिजनेस यूनिट्स को प्रमाण के रूप में SGST भुगतान की डिटेल्स देनी होंगी।
धारावी की यूनिट्स से लाखों डालर का कारोबार
धारावी झुग्गी बस्ती में चमड़े की टेनरियों, मिट्टी के बर्तनों सहित विभिन्न क्षेत्रों में हजारों उद्यम चलते हैं। DRP के बयान में कहा गया है कि कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड, धारावी की यूनिट्स से अपना माल मंगाते हैं। कारोबारी गतिविधियों से लाखों डॉलर का कारोबार होने का अनुमान है। बयान में कहा गया है कि रिडेवलपमेंट का उद्देश्य न केवल धारावी को एक बेहतर स्थान के रूप में पुनर्विकसित करना है, बल्कि इसकी विविधता की अखंडता को बनाए रखते हुए निवासियों के लिए गुणवत्तापूर्ण जीवन शैली सुनिश्चित करना भी है।
7 लाख निवासियों को किया जा सकता है रिलोकेट
पुनर्विकास के बाद धारावी स्लम में मुफ्त घर पाने के लिए केवल वे निवासी ही पात्र होंगे, जो वर्ष 2000 से पहले से धारावी में रह रहे हैं। कुछ अनुमानों से पता चलता है कि लगभग 7 लाख अयोग्य निवासियों को धारावी के बाहर रिलोकेट किया जा सकता है। इससे उन लोगों के लिए आजीविका खोने या उच्च किराए के भुगतान को लेकर चिंता बढ़ गई है।