हैदराबाद: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी की आलोचना करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उसकी राजनीति हिंदुओं के लिए नहीं है। शर्मा लोकसभा चुनाव से पहले BJP की विजय संकल्प यात्रा की शुरुआत के सिलसिले में तेलंगाना के निर्मल जिले के भैंसा में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सवाल किया कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे सहित कांग्रेस के शीर्ष नेता, आमंत्रित किए जाने के बावजूद अयोध्या में राम मंदिर कार्यक्रम में क्यों शामिल नहीं हुए।
‘लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 30 सीट भी नहीं जीत पाएगी’
शर्मा ने कहा कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन राजनीतिक नहीं था। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से सवाल किया, ‘आप क्यों नहीं गए? क्या आपको हिंदुओं से प्रेम नहीं है? क्या आप हमेशा ‘रजाकारों’ और बाबर के साथ रहेंगे।’ उन्होंने कहा कि देश ‘रजाकारों’ और बाबर के साथ खड़ा नहीं होगा। उन्होंने इतिहास की ओर इशारा करते हुए यह स्पष्ट नहीं किया कि वह वर्तमान में किसका जिक्र कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दावा किया कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में 30 सीट भी नहीं जीत पाएगी।
‘असम सरकार में शामिल हुए कांग्रेस के 2 विधायक’
बता दें कि इससे पहले हिमंत विश्व शर्मा ने बीते बुधवार को कहा था कि कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ और पूर्व मंत्री बसंत दास ने ‘सरकार में शामिल होने’ का फैसला किया है। पुरकायस्थ कांग्रेस की प्रदेश इकाई के कार्यकारी प्रमुख थे, जबकि दास तरुण गोगोई सरकार में मंत्री रहे थे। दास 2021 में मंगलदोई सीट से चुने गए थे। पुरकायस्थ, कांग्रेस NSUI के जमाने से ही पार्टी से जुड़े हुए थे। वह 2021 में करीमगंज उत्तर सीट से विधानसभा के लिए चुने गए थे। राज्य में NDA की सरकार का नेतृत्व कर रहे शर्मा ने बजट सत्र के दौरान दोनों विधायकों का विधानसभा परिसर स्थित मुख्यमंत्री के कक्ष में स्वागत किया।