केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में अर्थव्यवस्था पर श्वेतपत्र को चर्चा के लिए प्रस्तुत करते समय कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। बता दें कि बीते गुरुवार को संसद में 2004 से 2014 यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान आर्थिक कुप्रबंधन पर श्वेत पत्र पेश किया था। इस श्वेत पत्र में यूपीए सरकार के दौरान भारत की आर्थिक बदहाली और अर्थव्यवस्था पर इसके नकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया गया है। शुक्रवार को इस बिल पर चर्चा के समय कांग्रेस व हंगामा कर रहे अन्य विपक्षी सदस्यों पर निर्मला सीतारमण ने तीखा तंज कसा है। उन्होंने विपक्षी सांसदों पर कटाक्ष करते हुए कहा- “मेरी हिंदी भी एंटरटेनिंग है, थोड़ा सुन लीजिए”। आइए जानते हैं पूरा मामला।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, वित्त मंत्री सीतारमण जब संसद में श्वेतपत्र का ब्योरा प्रस्तुत करते हुए तत्कालीन यूपीए सरकार के नीतियों की ओलोचना कर रही थीं तो बीच-बीच में कांग्रेस के सदस्य हंगामा कर रहे थे। वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर हमला करते हुआ कहा कि अगर कांग्रेस में साहस है और यदि इन्होंने अच्छा काम किया है तो सुनना चाहिए और जवाब देना चाहिए। उन्होंने विपक्षी सांसदों पर निशाना साधते हुए कहा कि इनम्ें सुनने की क्षमता नहीं है। फिर भी मैं छोड़ूंगी नहीं, मैं अपनी बात करुंगी।
कांग्रेस घोटाले पर घोटाले करती रही
वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में भड़कते हुए कहा कि ये लोग वैश्विक आथिक संकट को तो नहीं संभाल सके, आज ज्ञान दे रहे है कि किस तरह संभालना है। उस समय क्या करना चाहिए था, कुछ नहीं किया। घोटाले के ऊपर घोटाले आते रहे। देश को ऐसी गंभीर अवस्था में छोड़कर चले गए भगवान जाने, अगर इनकी (कांग्रेस की) सरकार बनी रहती तो देश का क्या हाल होता।
मेरी हिंदी भी एंटरटेनिंग है…
जब निर्मला सीतारमण श्वेत पत्र पर ब्योरा प्रस्तुत कर रही थीं तब सदन में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी उपस्थित थीं। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी समेत अन्य सदस्यों द्वारा वित्त मंत्री के भाषण के बीच टोका-टोकी की जा रही थी। इस पर निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा- “मैं हिंदी और अंग्रेजी दोनों में बोल रही हूं। मेरी हिंदी भी एंटरटेनिंग है। थोड़ा सुनिए। पूर्व अध्यक्ष बैठी हैं, उन्हें इम्प्रेस करना है कि मैडम हम बचाव कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सदस्य कई प्रश्न उठाते हैं तो हम तसल्ली से सुनते हैं, लेकिन जब सरकार जवाब देती है तो विपक्षी सदस्य या तो वाकआउट करते हैं या शोर-शराबा करते हैं।” (इनपुट: भाषा)
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