माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने बुधवार को इस बात का खुलासा किया कि कैसे भारतीय ग्रामीण टेक दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट को AI टूल्स विकसित करने में मदद कर रहे हैं। बता दें कि सत्या नडेला वर्तमान में भारत में अपनी वार्षिक यात्रा पर हैं। नडेला ने एक्स पर लिखा, “इस सप्ताह भारत में कार्या की टीम जैसे चेंजमेकर्स से मिलना बहुत अच्छा लगा जो एआई के लिए उच्च गुणवत्ता वाले डेटासेट बनाने और साथ ही आर्थिक अवसरों का विस्तार करने का महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं।”
सत्या नडेला महाराष्ट्र के खराड़ी में स्थित एक सामाजिक बदलाव के लिए काम कर रहे संगठन (social impact organisation) कार्या का जिक्र कर रहे थे, जिसके सदस्य मराठी में एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट को अपनी आवाज देते हैं।
सत्या ने कहा “भारत में अगर आप हिंदी या अंग्रेजी नहीं बोलते हैं, तो उस तकनीक तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है जो लोगों को आगे बढ़ने में मदद करती है। इसमें ऐसे ऐप्स, टूल और डिजिटल असिस्टेंस शामिल हैं जो अंग्रेजी और हिंदी बोलने वालों को आसनी से उपलब्ध हैं। वास्तविकता यह है कि दूसरी स्थानीय भाषाओं मे भी इन टूल्स के उपलब्ध होने पर करोड़ों लोग नई टेक्नोलॉजी का फायदा उठा सकते हैं। यही कारण है कि माइक्रोसॉफ्ट और दूसरी कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स को अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध कराने की होड़ में लगी हैं”।
53 वर्षीय बेबी राजाराम बोकाले, कार्या के सदस्यों में से एक हैं जिनकी आवाज़ का इस्तेमाल मराठी में एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाएगा। वह मराठी में कहानियां पढ़ती हैं और उन्हें माइक्रोसॉफ्ट द्वारा अप्रूव्ड कार्या ऐप में रिकॉर्ड करती हैं। 11 दिनों में, बोकाले ने लगभग पांच घंटे काम किया और 2,000 रुपये कमाए हैं।
बोकाले ने कहा, “मुझे वास्तव में गर्व है कि मेरी आवाज रिकॉर्ड हो रही है, और कोई मेरी आवाज की बदौलत मराठी सीखने वाला है,” और मुझे इस बात का भी गर्व है कि यह इन टूल्स और सुविधाओं को मराठी में उपलब्ध कराएगा। बोकाले अपने घर से मसाले और मिर्च पीसने का एक छोटा सा व्यवसाय चलाती है। उन्होंने कहा, “मैंने जो कमाया है उसका इस्तेमाल ग्रांडर का पार्ट खरीदने और उसकी की मरम्मत करने में किया।”