मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI), ज़ी ग्रुप के फाउंडर सुभाष चंद्रा के हालिया कुछ बयानों की जांच कर रहा है। इन बयानों में चंद्रा ने कहा था कि ज़ी की प्रमोटर फैमिली ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकती है। मामले से वाकिफ सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि सेबी इस बात की जांच कर रहा है कि उनके बयान डिस्क्लोजर नॉर्म का उल्लंघन हैं या नहीं।
इस सिलसिले में सेबी को भेजी गई ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला। ज़ी (Zee) ग्रुप के प्रवक्ता ने भी इस मामले में कुछ कहने से मना कर दिया। चंद्रा ने हाल में कुछ मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि प्रमोटर्स आने वाले समय में कंपनी में अपनी हिस्सेदारी मौजूदा 4 पर्सेंट से बढ़ाकर 26 पर्सेंट कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने इस सिलसिले में कोई समयसीमा नहीं बताई थी। चंद्रा का कहना था कि स्टेक में बढ़ोतरी के लिए प्रमोटर्स बाहर से कोई फंड नहीं जुटाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक, सेबी अब इस बात की जांच कर रहा है कि उनके बयानों में डिस्क्लोजर नॉर्म और इनसाइडर ट्रेडिंग कोड का उल्लंघन हुआ है या नहीं। ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स के बीच मर्जर रद्द होने के बाद सुभाष चंद्रा की तरफ से ये बयान आए हैं।
क्या कहते हैं नियम?
सेबी के नियमों के मुताबिक, लिस्टेड कंपनियों को शेयरधारकों के लिए कोई जानकारी मुहैया करानी है, तो वह सबसे पहले स्टॉक एक्सचेंजों के जरिये उपलब्ध कराई जानी चाहिए। साथ ही, प्रमोटर्स द्वारा हिस्सेदारी बढ़ाने के मामले में कंपनी को सबसे पहले बोर्ड के सामने प्रस्ताव रखना चाहिए और फिर निवेशकों को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। चंद्रा फिलहाल ZEEL के किसी भी एग्जिक्यूटिव रोल में नहीं है। उनके बेटे पुनीत गोयनका फिलहाल कंपनी के MD और CEO हैं।