एक दिन में जब कोई शेयर 30 फीसदी से ज्यादा टूटता है और रिकवरी का कुछ अता-पता नहीं होता तो रिटेल निवेशक क्या प्रमोटर्स के भी हाथ पांव फूलने लगते हैं। शायद कुछ ऐसा ही Zee Entertainment के शेयरों में हो रहा है। सोनी के साथ डील क्या टूटी, निवेशकों का जी ही टूट गया। ऐसे में कंपनी के प्रमोटर्स अब क्या जुगत भिड़ा रहे हैं। क्या है उनकी स्ट्रैटेजी।
अब बात करते हैं Zee Entertainment की। कंपनी के फाउंडर सुभाष चंद्रा ने प्लान बनाया है कि चंद्रा परिवार मिलकर इस मीडिया कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 26 फीसदी करेगी। जो अभी सिर्फ 4 फीसदी है। एक पेपर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने अपने प्लान के बारे में बताया था। हालांकि उन्होंने एक दिलचस्प बात ये बताई है कि ये हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए वो कोई कर्ज नहीं लेंगे।
उन्होंने माना कि 4 फीसदी से बढ़ाकर 26 फीसदी हिस्सेदारी करने में काफी वक्त लगेगा। और इसके लिए काफी पैसों की भी जरूरत होगी। लेकिन एक चीज जो सुभाष चंद्रा के माइंड में क्लियर है वो ये है कि ये काम रातोरात नहीं होगा लेकिन इसके लिए कर्ज भी नहीं लिया जाएगा। अब इस भरोसे पर निवेशक कितना भरोसा कर सकते हैं, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। वैसे आपकी इस पर क्या राय है हमें कॉमेंट बॉक्स में बता सकते हैं।
Zee की मुश्किल कैसे शुरू हुई?
हाल ही में जी एंटरटेनमेंट पर चर्चा तब शुरू हुई जब सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया के साथ 10 अरब डॉलर की डील टूट गई। मर्जर की शर्तें पूरी ना होने पर सोनी ने डील भी तोड़ी और 9 करोड़ डॉलर का हर्जाना भी मांग रही है।
अपनी मांग को लेकर सोनी पिक्चर्स जहां सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर पहुंच गई है। तो दूसरी तरफ सुभाष चंद्रा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक लेटर लिखा है। सोनी ने 22 जनवरी को डील तोड़ी और चंद्रा ने इससे 6 दिन पहले 16 जनवरी को लेटर लिखा था। इस लेटर में उन्होंने वित्त मंत्री ने रिक्वेस्ट की थी कि वह इस दखल देकर इस मामले को निपटाएं। अपने लेटर में चंद्रा ने बताया था कि कैसे उन्होंने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेच-बेचकर 92 फीसदी कर्ज चुका दिया है और अब कंपनी में उनकी हिस्सेदारी सिर्फ 4 फीसदी रह गई है।
सौदा रद्द होने के बाद जी एंटरटेनमेंट ने विलय पूरा करने के लिए NCLT में याचिका दायर की है। इसके साथ ही कंपनी ने ये भी कहा कि सोनी पिक्चर्स ने जो 9 करोड़ डॉलर की डिमांड की है वो गलत है।
जानिए किस बात पर डील टूटी?
माना जा रहा है कि जिस एक बात पर दोनों के बीच डील टूटी है वो ये है कि सोनी पिक्चर्स नहीं चाहती थी कि पुनीत गोयनका नई कंपनी की लीड करें। चंद्रा ने बताया कि पुनीत गोयनका अलग होने के लिए तैयार थे लेकिन इसके बाद भी डील तोड़ दी गई।
सुभाष चंद्रा का एक सवाल शेयरहोल्डर्स से है कि अगर शेयरहोल्डर्स को ये लगता है कि पुनीत बिजनेस नहीं चला सकते तो कौन चला सकता है? अगर शेयरहोल्डर्स ये सोच रहे थे कि पुनीत को अलग कर दिया जाता है तो सोनी मर्जर के लिए रेडी हो जाएगी तो ये गलत है। पुनीत गोयनका, Essel Group के फाउंडर सुभाष चंद्रा के बड़े बेटे हैं। और जी एंटरटेनमेंट एस्सेल ग्रुप का ही हिस्सा है।
अब जब इतना कुछ चल रहा हो कंपनी में निवेशकों के बारे में चंद्रा का क्या मेसेज है। चंद्रा ने निवेशकों को थोड़ा धीरज रखने को कहा है। और अपने बेटे पुनीत गोयनका पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि पुनीत गोयनका ही प्रॉफिटेबल Zero Debt वाली कंपनी चलाने वाले सही शख्स हैं।
Zee Entertainment: इंतजार और सही
अब Zee Entertainment के शेयर F&0 बैन से बाहर आ चुके हैं। लेकिन तेजी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। पिछले एक महीने में Zee Entertainment के शेयर 43.36 फीसदी टूट चुके हैं। जबकि पिछले 5 साल में यह शेयर करीब आधा हो गया है। इस शेयर पर एक्सपर्ट्स की क्या राय है. इसपर हम आगे बात करेंगे। तब तक आप अगर चंद्रा की बात मानकर धीरज रखना चाहें तो रख सकते हैं।