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ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर अब नहीं चलेगा फर्जी रिव्यू का सिस्टम, सरकार ने BIS में डिवेलप किया स्टैंडर्ड

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर अब नहीं चलेगा फर्जी रिव्यू का सिस्टम, सरकार ने BIS में डिवेलप किया स्टैंडर्ड

सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी रिव्यू के सिस्टम को लेकर शिकंजा कसने की तैयारी में है। इसके तहत ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के लिए फर्जी रिव्यू को रोकने वाला सिस्टम जरूरी कर दिया जाएगा। डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह ने मनीकंट्रोल के पॉलिसी नेक्स्ट समिट में बताया, ‘आप 4.5 स्टार देखते हैं और आपको लगता है कि यह एक अच्छा प्रोडक्ट है। आपको पता नहीं होता कि बेचने वाला कौन है। इन स्टार्स की पुष्टि कौन कर रहा है? इसलिए, हमने BIS (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स) में स्टैंडर्ड डिवेलप किया है, ताकि सिस्टम फर्जी रिव्यू को रोक सके।’

उन्होंने बताया, ‘हम इस आइडिया पर विचार कर रहे हैं कि अगले महीने से सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स में ऐसा सिस्टम जरूरी कर दिया जाए, जहां वे फर्जी रिव्यू को मैनेज कर सकें।’ सिंह ने ई-कॉमर्स में डार्क पैटर्न पर भी बात की, जिसकी वजह से यूजर्स कभी-कभी उन जगहों पर भी खर्च कर देते हैं, जहां वह खर्च नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘पिछले महीने हमने डार्क पैटर्न के लिए गाइडलाइन जारी की थी। डार्क पैटर्न क्या हैं? ये कंज्यूमर्स को गुमराह करने वाले चीजें हैं। आपको वहां भेजने के लिए प्रेरित किया जाता है, जहां आप जाना नहीं चाहते हैं। ‘

उनका कहना था, ‘आपको अपने-आप ट्रैवल इंश्योरेंस उपलब्ध कराया जाता है। हम कह रहे हैं कि ऐसा मत कीजिए….अगर आप इसे सब्सक्राइब करना चाहते हैं, तो आपको सिर्फ एक क्लिक करना होगा। अगर आप इसे सब्सक्राइब नहीं करना चाहते हैं, तो आपको 30 क्लिक करने होंगे।’ सिंह ने यह भी बताया कि सरकार इस दिशा में गाइडलाइंस पेश करना चाहती है’।

सिंह ने ग्रीन प्रोडक्ट्स के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए भी गाडलाइंस पेश करने की बात कही। उन्होंने कहा, ‘अगले 15 दिनों में हम इसको लेकर गाइडलाइंस पेश कर रहे हैं। कंज्यूमर्स इसके नाम पर 1.2 से 1.5 गुना ज्यादा भुगतान कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह ग्रीन प्रोडक्ट है। लेकिन यह वास्तव में ग्रीन प्रोडक्ट नहीं होता है।’

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