Ayodhya Ram Mandir: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बुधवार को कहा कि वह 22 जनवरी के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद सपरिवार अयोध्या (Ayodhya) जाएंगे और वहां राम मंदिर (Ram Mandir) में रामलला के दर्शन करेंगे। दिल्ली सरकार की तीर्थाटन योजना के तहत यहां द्वारकाधीश के लिए रवाना हो रहे बुजुर्गों से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में केजरीवाल ने कहा, “मुझे एक पत्र मिला, जिसमें कहा गया है कि सुरक्षा कारणों से (प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए) केवल एक व्यक्ति को ही अनुमति है। उन्होंने कहा था कि एक टीम व्यक्तिगत निमंत्रण देने आएगी, लेकिन कोई नहीं आया।”
उन्होंने कहा, “मैं अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रामलला के दर्शन के लिए जाना चाहता हूं। मेरे माता-पिता की भी रामलला के दर्शन करने की इच्छा है। 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद मैं अपनी पत्नी, बच्चों और माता-पिता के साथ (अयोध्या) जाऊंगा।” उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को नए राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ होगी और इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा लेंगे।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, इससे पहले, जब ने दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज से पूछा था कि क्या केजरीवाल इस कार्यक्रम में जाएंगे, तो उन्होंने कहा था कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा था, “मैं मानता हूं कि (अयोध्या) जाना महत्वपूर्ण है, लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां जा रहे हैं, तब वहां जाना कोई जरूरी नहीं है।”
जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को खारिज करने के पार्टी नेतृत्व के फैसले का बचाव किया है और यह आरोप लगाया है कि 22 जनवरी के कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम बना दिया गया है, तब भारद्वाज ने कहा कि ज्यादातर विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे अयोध्या जाएंगे।
AAP नेता भारद्वाज ने कहा, “अरविंद केजरीवाल पहले ही वहां जा चुके हैं। इस बात पर बहुत ज्यादा विवाद नहीं होना चाहिए कि जब प्रधानमंत्री वहां जा रहे हैं, तो आप वहां क्यों नहीं जा रहे हैं या आप उनके साथ क्यों नहीं बैठेंगे।”
उन्होंने कहा, “नाता भगवान के साथ है। आपको वह (भगवान) 22 जनवरी, या 23 जनवरी या 24 जनवरी को भी मिल जायेंगे। मैं महसूस करता हूं कि अगर आपके मन में श्रद्धा है, तो कार्यालय में बैठकर प्रार्थना करने पर भी आपको वह मिल जायेंगे।”
केजरीवाल से आबकारी नीति से संबंधित धनशोधन मामले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से बृहस्पतिवार को पेशी के लिए भेजे गए समन के बारे में भी पूछा गया। केजरीवाल ने कहा, “कानून के अनुसार जो भी करने की जरूरत होगी, हम वह करेंगे।”
केजरीवाल ED के सामने पेश नहीं हुए हैं। उन्हें एजेंसी ने इस मामले में पूछताछ के लिए तीन महीने से भी कम समय में चौथी बार समन जारी किया है और 18 जनवरी को पेशी के लिए बुलाया है। AAP संयोजक केजरीवाल ने तीन जनवरी को तीसरी बार राज्यसभा चुनाव और गणतंत्र दिवस की तैयारियों का हवाला देते हुए पेश होने से मना कर दिया था।
केजरीवाल ने ED की मंशा पर सवाल उठाया था और समन पर ‘कानूनी आपत्तियों’ का हवाला दिया था।