घरेलू विमानन कंपनी स्पाइसजेट (SpiceJet) के फंड जुटाने की योजना को आज कंपनी के शेयरहोल्डर्स की मंजूरी मिल गई। स्पाइसजेट यह फंड इक्विटी शेयर और वारंट जारी कर जुटाएगी। कंपनी ने इसकी जानकारी आज एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) के बाद एक्सचेंज फाइलिंग में दी। एजीएम से पहले यह बताया गया था कि भारी वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही स्पाइसजेट ने अपने विस्तार और पुनरोद्धार के लिए 2,250 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शेयरहोल्डर्स से मंजूरी लेने की योजना बनाई है। अब शेयरधारकों से इसकी मंजूरी मिल चुकी है लेकिन एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने यह खुलासा नहीं किया कि शेयरहोल्डर्स ने कितना फंड जुटाने की मंजूरी दी है। विमानन कंपनी के बोर्ड ने पिछले महीने ही 13 करोड़ कंवर्टिबल वारंट्स और 50 रुपये के भाव पर 32.08 करोड़ नए शेयर जारी कर 2250 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
नगदी संकट से जूझ रही SpiceJet के लिए सुधरा माहौल
स्पाइसजेट के पास नगदी की काफी किल्लत है। बकाए को लेकर यह कई कानूनी मामलों से जूझ रही है जिसमें इसके पूर्व प्रमोटर्स और विमान पट्टेदार भी शामिल हैं। पिछले साल जुलाई में कंपनी ने कहा था कि अजय सिंह नए इक्विटी शेयरों या कंवर्टिबल इंस्ट्र्मेंट्स या दोनों के बदले 500 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। हालांकि पिछले कुछ समय से इसके लिए माहौल सुधरा है। वाडिया ग्रुप की गोफर्स्ट (GoFirst) के दिवालिया होने के चलते स्पाइसजेट की कर्ज चुकाने और फाइनेंस मैनेज करने की संभावनाओं में सुधार हुआ है। अगस्त 2023 में इसने अकासा एयर को पछाड़ते हुए अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई और इसका पैसेंजर ट्रैफिक सालाना आधार पर 30 फीसदी से अधिक बढ़ गया। अजय सिंह ने अगस्त 2023 में कंपनी में 500 करोड़ रुपये का निवेश किया था। उनके पास इसकी करीब 57 फीसदी हिस्सेदारी है।
उड़ानों की कैसी है स्थिति
नकदी की किल्लत से जूझ रही स्पाइसजेट के बेड़े का केवल एक हिस्सा ही इस समय ऑपरेशन में है। इसका वन टाइम परफॉरमेंस काफी खराब है और प्रतिदिन लगभग 40-45 फीसदी उड़ान में देरी होती है। मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्पाइसजेट ने बड़ी संख्या में बोर्डिंग से इनकार कर दिया क्योंकि इसने कई उड़ानों में ओवरबुकिंग कर दी, या रद्द कर दी और कंबाइंड फ्लाइट्स रद्द कर दीं, जिसके कारण ओवरबुकिंग हुई। विमान नियामक DGCA के आंकड़ों के अनुसार मई 2023 से अक्टूबर 2023 के बीच स्पाइसजेट की उड़ानों में दो घंटे से अधिक की देरी से 1,89,634 यात्री प्रभावित हुए। इस दौरान कंपनी ने यात्रियों को मुआवजे के तौर पर 3.78 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया। हालांकि इन सबके बावजूद इसके शेयर छह महीने में 70 फीसदी से अधिक मजबूत हुए हैं।
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