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PhonePe : Indus OS के CEO राकेश देशमुख का इस्तीफा, जानिए डिटेल

PhonePe : Indus OS के CEO राकेश देशमुख का इस्तीफा, जानिए डिटेल

PhonePe के स्वामित्व वाली कंपनी Indus OS के CEO राकेश देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी के को-फाउंडर देशमुख ने एक दशक के लंबे कार्यकाल के बाद कंपनी छोड़ने का फैसला किया है। देशमुख का अगला कदम क्या होगा, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है। एक लिंक्डइन पोस्ट में देशमुख ने कहा कि वह “अगली इंपैक्टफुल जर्नी के लिए रिचार्ज करने और तैयार होने के लिए कुछ समय ले रहे हैं।”

यह खबर ऐसे समय में आई है जब Indus ऐपस्टोर आने वाले महीनों में अपना एंड्रॉयड मोबाइल ऐप लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। इस नए ऐप का मुकाबला टेक दिग्गज गूगल (Google) के प्ले स्टोर से होने की उम्मीद जताई जा रही है।

PhonePe ने दी शुभकामनाएं

PhonePe के प्रवक्ता ने कहा, “हम राकेश को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देते हैं। आकाश, सुधीर और पूरी इंडस टीम इंडस ऐपस्टोर के लिए साझा विजन को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है, जिसे राकेश ने पिछले एक दशक में विकसित करने में अहम भूमिका निभाई है।”

देशमुख ने 2013 में आकाश डोंगरे और सुधीर बंगारामबंदी के साथ Indus OS की शुरुआत की थी। डोंगरे वर्तमान में इंडस ऐपस्टोर के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर हैं जबकि बंगारामबंदी इसके चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर के रूप में काम कर रहे हैं।

कंपनी ने भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं पर फोकस्ड एक ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया था और सैमसंग, माइक्रोमैक्स और कार्बन सहित कई भारतीय मोबाइल ब्रांडों से हाथ मिलाया था। इसने एक ऐप मार्केटप्लेस इंडस ऐप बाज़ार भी बनाया था जो हिंदी, गुजराती, कन्नड़ और बंगाली सहित लगभग 12 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता था। इसके निवेशकों में ओमिडयार नेटवर्क इंडिया, वेंचरईस्ट, सैमसंग वेंचर्स, जेएसडब्ल्यू वेंचर्स और टाइटन कैपिटल शामिल थे।

PhonePe ने 2022 में किया था Indus OS का अधिग्रहण

जुलाई 2022 में PhonePe ने लंबी कानूनी लड़ाई के बाद Indus OS का अधिग्रहण कर लिया। सितंबर 2023 में मनीकंट्रोल ने सबसे पहले रिपोर्ट दी थी कि वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली डिजिटल पेमेंट फर्म एंड्रॉयड ऐप डेवलपर्स के लिए अपना मोबाइल ऐप स्टोर खोल रही है, और उन्हें प्लेटफॉर्म पर अपना ऐप पब्लिश करने के लिए आमंत्रित कर रही है। ऐप मार्केटप्लेस ने कहा कि वह इन-ऐप खरीदारी पर शून्य फीसदी शुल्क लेगा, जबकि Google वर्तमान में इन-ऐप खरीदारी और सशुल्क ऐप बिक्री पर डेवलपर्स से 15-30 प्रतिशत शुल्क लेता है।

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