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‘कुश्ती खिलाड़ियों का नुकसान न हो’ खेल मंत्रालय ने IOA से कहा, WFI को अस्थायी रूप से अपने हाथ लेकर, एडहॉक कमेटी बनाएं

‘कुश्ती खिलाड़ियों का नुकसान न हो’ खेल मंत्रालय ने IOA से कहा, WFI को अस्थायी रूप से अपने हाथ लेकर, एडहॉक कमेटी बनाएं

केंद्रीय खेल मंत्रालय (Sports Ministry) ने 24 दिसंबर को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का कामकाज देखने के लिए एक एडहॉक कमेटी (Ad-hoc Committee) बनाने को कहा। खेल मंत्रालय की तरफ से WFI को निलंबित करने की घोषणा के तुरंत बाद ये फैसला लिया गया है। मंत्रालय ने सस्पेंशन के पीछे नवनिर्वाचित कुश्ती संस्था की तरफ से “पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त नोटिस दिए बिना” अंडर-15 और अंडर-20 नेशनल ट्रायल आयोजित करने की “जल्दबाजी में की गई घोषणा” का हवाला दिया।

CNBC TV-18 की रिपोर्ट के अनुसार, खेल मंत्रालय ने IOA से WFI के संचालन को अस्थायी रूप से अपने हाथ में लेने का अनुरोध किया है, क्योंकि कुश्ती खिलाड़ियों को “नुकसान नहीं होना चाहिए” और “सुशासन के सिद्धांतों को खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए।”

दरअसल WFI चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे, जिसमें पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के वफादार संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से चुनाव जीता था।

‘हमने फेडरेशन को खत्म नहीं किया है’

खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने PTI को बताया, “नए निकाय ने WFI संविधान का पालन नहीं किया है। हमने फेडरेशन को खत्म नहीं किया है, बल्कि अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है। उन्हें बस उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन करने की जरूरत है।” सूत्र ने निलंबन के कारणों के बारे में आगे बताया।

WFI के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने 21.12.2023 को, जिस दिन उन्हें अध्यक्ष चुना गया था, घोषणा की कि कुश्ती के लिए अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं इस साल के आखिर से पहले उत्तर प्रदेश के गोंडा के नंदिनी नगर में होंगी।

अधिकारी ने कहा, “ये घोषणा जल्दबाजी में की गई है, उन पहलवानों को पर्याप्त सूचना दिए बिना, जिन्हें इस राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना है और WFI के संविधान के प्रावधानों का पालन किए बिना इसका ऐलान किया गया।”

इस घटनाक्रम ठीक पहले देश की शीर्ष महिला पहलवानों में से एक और ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने WFI प्रमुख के रूप में संजय सिंह के चुनाव के विरोध में “कुश्ती छोड़ने” का ऐलान कर दिया था।

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इसके बाद पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने चुनाव के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए 22 दिसंबर को अपना पद्मश्री “वापस” कर दिया।

पुनिया, मलिक और वर्ल्ड चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगट समेत कई पहलवानों ने बृज भूषण पर WFI प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट में हो रही है।

खेल मंत्रालय के WFI निलंबन आदेश की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने PTI को बताया कि नवनिर्वाचित कुश्ती संस्था का संचालन कथित तौर पर बृज भूषण के परिसर से किया जा रहा था। ऐसा लगता है कि WFI खेल संहिता की पूरी तरह से अवहेलना करते हुए पूर्व पदाधिकारियों पर पूर्ण नियंत्रण रखता है।

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