Israel Vessel Attack: ड्रोन के एक हमले में हिंद महासागर में तैनात एक व्यापारी जहाज तबाह हो गया। हालांकि इस हमले में किसी की भी जान जाने की कोई खबर नहीं है। दो समुद्री एजेंसियों के मुताबिक इन जहाजों का सीधा लिंक इजराइल से था। ये अटैक भारत से 200 नौटिकल मील वेरावल के दक्षिण पश्चिम में एक अनक्रूअड एरियल सिस्टम (UAS) ने किया। अचानक हुए इस हमले में जहाज के बोर्ड पर आग लग गई। ब्रिटिश मिलिट्री की खास यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस UKMTO और मैरीटाइम सिक्योरिटी फर्म एंब्रे ने बताया कि लिबेरिया के केमिकल और प्रोडक्ट्स से भरे टैंकर इराइल से संबंधित थे।
संदिग्ध गतिविधि का शक होने पर करें इंफॉर्म
UKMTO को मिली रिपोर्ट के मुताबिक सारा हमला UAS ने किया है। इस हमले में एक जोरदार धमाका हुआ और आग लग गई। भारत के दक्षिण पश्चिम में 20 NM वेरावल में ये सारा हादसा हुआ है। समय रहते आग को बुझा दिया गया है। इस हादसे में किसी को भी कोई हानि नहीं पहुंची है, जांच जारी है। सभी जहाजों को वहां से सावधानी से गुजरने की हिदायत दी है। किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि का शक होने पर UKMTO को इंफॉर्म करने की हिदायत दी है।
UKMTO WARNING 018/DEC/2023
ATTACK – INCIDENT 018 UPDATE 01 UKMTO have received a report of an attack by Uncrewed Aerial System (UAS) on a vessel causing an explosion and fire. https://t.co/qFzIsjDvnj#MaritimeSecurity #marsec pic.twitter.com/gBARms8K9T — United Kingdom Maritime Trade Operations (UKMTO) (@UK_MTO) December 23, 2023
ग्लोबल ट्रेड का है जरूरी मार्ग
हाल ही में ऐसे मिलते–जुलते हमले लाल सागर के सबसे जरूरी व्यापारी मार्ग पर भी किए गए थे। इन हमलों में भी कमर्शियल जहाजों को ही टारगेट बनाया गया। यमन के Houthis ने इजराइल से संबंधित जहाजों को इजराइल-हमास युद्ध के बाद से टारगेट करना शुरू कर दिया था। इसके बाद हमले बढ़ने लगे। हमलों से घबराकर कई कमर्शियल जहाजों ने अपना रूट बदल लिया। दुनिया के ग्लोबल ट्रेड का सबसे जरूरी मार्ग इससे प्रभावित हुआ। कंज्यूमर गूड्स और एनर्जी सप्लाइज पर भी इसका असर देखने को मिला।
जहाजों की सुरक्षा के लिए एजेंसियां हुईं मुस्तैद
The Associated Press की एक रिपोर्ट के मुताबिक नैचुरल गैस से लेकर तेल, खिलौने और अनाज अफ्रीका और अरब को अलग करने वाले समुद्री मार्गों से होकर गुजरते हैं। अकेले स्वेज कनाल से समुद्र के कुल व्यापार का 12 प्रतिशत जाता है। हमले के डर से दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर और ऑयल जाइंट अब लाल सागर से होकर जाने वाले लंबे मार्ग से बायपास के जरिए भेजे जा रहे हैं। ग्लोबल ट्रेड पर पड़ रहे असर को देखते हुए यूएस और दूसरे राष्ट्र ने एक नई फोर्स तैयार की है ताकि जहाजों को बचाया जा सके।
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