आंत्रप्रेन्योर दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के स्टार्टअप आईएमस्ट्रॉन्ग (ImStrong) में ऑनलाइन ब्रोकिंग फर्म जीरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर नितिन कामत (Nithin Kamath) ने भी निवेश किया हुआ है। हालांकि इस निवेश के पीछे क कहानी काफी दिलचस्प है, जिसे हाल ही में खुद दिलीप कुमार ने बताया। दिलीप कुमार ने बताया कि उन्होंने नितिन कामत को बिना किसी पूर्व बातचीत या पहचान को ऐसे ही एक ईमेल भेज दिया था, जिसके बाद उन्हें अगले 2 दिन में फंडिंग मिल गई। कुमार ने जोर देकर कहा कि आमतौर पर मदद मांगने को कमजोरी के तौर पर देखा जाता है, लेकिन यह एक शक्तिशाली टूल है।
दिलीप कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार लिखे पोस्ट में बताया कि उन्होंने बस झिझक तोड़कर नितिन कामत से संपर्क करने की कोशिश की और इसके चलते वह इनवेस्टमेंट पाने में सफल रहे। कुमार ने कहा, “अधिकतर उद्यमियों को लगता है कि मदद मांगना कमजोरी का संकेत है। लेकिन मुझे लगता है कि यह वास्तव में एक सुपरपावर है।” कुमार ने ट्वीट कर बताया कि कैसे उन्होंने अरबपति नितिन कामत से निवेश पाया।
आईएमस्ट्रॉन्ग के अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए कुमार ने कहा कि उन्हें उस समय यह नहीं पता था कि पैसे कैसे जुटाए जाते हैं। उन्होंने वेंचर कैपिटलिस्ट और एंजेल निवेशकों के कॉन्टैक्ट नहीं होने की कमी भी स्वीकार किया। इसके बाद उन्होंने बिना किसी हिचक संभावित निवेशकों को ईमेल भेजना शुरू किया और पारंपरिक तरीकों को पीछे छोड़ दिया।
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कुमार ने कहा, “जब मैं ImStrong शुरू कर रहा था, मैं पैसे जुटाने के बारे में कुछ नहीं जानता था। मैं वेंचर कैपिटल या एंजल नेटवर्क में किसी को नहीं जानता था। यह मेरा आखिरी स्टार्टअप है, इसलिए मैं इसे सफल बनाना चाहता था।”
कुमार ने बताया, “मैंने बिना किसी पूर्व बातचीत के सीधे नितिन कामत को एक ईमेल भेज दिया। मुझे उम्मीद थी कि इसका कोई जवाब नहीं आएगा। लेकिन 10 मिनट में ही मुझे इसका जवाब मिल गया। फिर अगले 2 दिनों में, मेरे हाथ में इनवेस्टमेंट का ऑफर था।”
दिलीप कुमार ने अपने ट्वीट में उन ईमेल का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है, जिसे उन्होंने कभी नितिन कामत को भेजा था। आप इस ट्वीट को नीचे देख सकते हैं-
Most entrepreneurs feel asking for help is a sign of weakness. But my biggest realisation is, it’s actually a superpower.
Sometimes the driving force is not in who you know, but asking for help from the unknowns. It’s a powerful tool to navigate the landscape of social… — Dilip Kumar (@kmr_dilip) December 21, 2023