अदन की खाड़ी में भारत ने अपना दूसरा सबसे खतरनाक मिसाइल विध्वंसक उतार दिया है। इससे चीन से लेकर पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के घर खलबली मच गई है। भारत ने यह कदम समुद्री डाकुओं द्वारा माल्टा ध्वज वाले मालवाहक जहाज के अपहरण के बाद उठाया है। भारतीय नौसेना ने अपने समुद्री डकैती रोधी मिशन को बढ़ाने के लिए अदन की खाड़ी में दूसरा पोत तैनात कर दिया है। अधिकारियों ने कहा कि नौसेना के पास अब इस क्षेत्र में निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत ‘आईएनएस कोच्चि’ और ‘आईएनएस कोलकाता हैं।’ यह दोनों ही किसी भी दुश्मन के घर तबाही मचाने के लिए काफी हैं।
बता दें कि बीते 14 दिसंबर को माल्टा-ध्वज वाले अपहृत जहाज एमवी रुएन से मदद की गुहार मिलने के बाद नौसेना ने तुरंत प्रतिक्रिया दी थी। इसके कुछ दिनों बाद, समुद्री डाकुओं द्वारा घायल किए गए चालक दल के सदस्य को चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए सोमालिया के अपतटीय क्षेत्र में उसे पोत से निकाला था। जहाज पर चालक दल के 18 सदस्य थे। नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया, “इस घटना की जांच के लिए त्वरित प्रतिक्रिया के वास्ते तैनात भारतीय नौसेना का समुद्री गश्ती पोत 15 दिसंबर को एमवी रुएन जहाज की तलाश में पहुंचा और चालक दल के साथ संपर्क स्थापित किया।” उन्होंने कहा, “इस दौरान 18 सदस्यीय चालक दल (एमवी जहाज पर कोई भी भारतीय सवार नहीं था) में सभी को उस इलाके में सुरक्षित बताया गया। साथ ही, इस घटना पर कार्रवाई करते हुए अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी गश्त के लिए तैनात आईएनएस कोच्चि को भी सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से तुरंत रवाना कर दिया गया।
भारत ने की थी माल्टा की तत्काल मदद
माल्टा के जहाज के अपहरण के बाद आईएनएस कोच्चि ने 16 दिसंबर को तड़के एमवी रुएन को रोकने का प्रयास किया और स्थिति का आकलन करने के लिए अपना एक महत्वपूर्ण हेलीकॉप्टर भेज दिया।” प्रवक्ता ने बताया, “चालक दल से यह सूचना मिली थी कि एमवी रूएन जहाज पर आंतरिक ढांचे की व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया गया था और समुद्री लुटेरों ने चालक दल के सभी सदस्यों को बंधक बना लिया था। वारदात के समय चालक दल के एक सदस्य को चोट आई थीं, लेकिन उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।” उन्होंने कहा, “हालांकि अपहृत किये गए एमवी जहाज पर चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई सशस्त्र हस्तक्षेप नहीं किया गया था और समुद्री लुटेरों द्वारा चालक दल के साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित कराने की दिशा में प्रयास करते हुए युद्धपोत द्वारा अपेक्षित कार्रवाई की गई।
अदन की खाड़ी में डरे डकैत
प्रवक्ता ने बताया, “16 से 17 दिसंबर तक सोमालिया की ओर अपने पारगमन के दौरान भारतीय नौसेना के जहाज को अपहृत जहाज के करीब रखा गया। इस दौरान, समुद्री लुटेरों के साथ उचित रूप से कार्रवाई करते हुए और अन्य युद्धपोतों के साथ गतिविधियों का समन्वय किया गया।” उन्होंने कहा, “भारतीय नौसेना ने उपरोक्त घटना को ध्यान में रखते हुए और अदन की खाड़ी क्षेत्र में समुद्री डकैती को रोकने के प्रयासों को बढ़ाने की दिशा में इस इलाके में एक और स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत तैनात किया है।” उन्होंने कहा, “ भारतीय नौसेना इस क्षेत्र में ‘सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले’ के रूप में, व्यापारिक जहाज नौवहन की सुरक्षा सुनिश्चित करने और समुद्र में नाविकों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है।” (भाषा)