यूएन प्रमुख ने एक वीडियो सन्देश में कहा है कि हमास के उस हमले में 1,250 से अधिक इसराइली व विदेशी लोग मारे गए थे, उनमें बच्चे और महिलाएँ भी थे. 250 से अधिक लोगों को बन्दी बनाकर ग़ाज़ा ले जाया गया था, उनमें अनेक महिलाएँ और बच्चे भी थे.
यूएन महासचिव ने कहा है, “उन वीभत्स हमलों के बाद एक साल से युद्ध जारी है जिसने ग़ाज़ा में फ़लस्तीनी जन की ज़िन्दगियाँ तबाह कर दी हैं और उनके लिए पीड़ाओं का पहाड़ खड़ा कर दिया है, और अरब लेबनान के लोगों के लिए भी.
“7 अक्टूबर के उस हमले ने आत्माओं को झकझोर कर रख दिया था – और आज इस दिन हम उन सभी लोगों को याद कर रहे हैं, जिन्हें क्रूर तरीक़े से मार दिया गया था और जिन्हें अकल्पनीय हिंसा का सामना करना पड़ा – उसमें यौन हिंसा भी शामिल थी, जबकि वो केवल अपनी ज़िन्दगी जी रहे थे.”
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि ये एक ऐसा दिन है जब वैश्विक समुदाय को, हमास के उन वीभत्स कृत्यों की, बहुत ज़ोरदार आवाज़ में निन्दा दोहरानी चाहिए. उन कृत्यों में लोगों को बन्धक बनाया जाना भी शामिल था.
“पिछले एक वर्ष के दौरान, मैंने बन्धकों के परिवारों के साथ मुलाक़ातें की हैं – उनके प्रियजन की ज़िन्दगियों, आशाओं, और सपनों के बारे में जाना है… और उनकी चिन्ताओं व दर्द को महसूस किया है.”
“वो हर दिन जिस पीड़ा से गुज़रते हैं, मैं उसकी कल्पना भी नहीं कर सकता. मैं एक बार फिर, सभी बन्धकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करता हूँ. तब तक, हमास को अन्तरराष्ट्रीय रैडक्रॉस समिति को, सभी बन्धकों से मिलने की इजाज़त देनी होगी.”
बन्दूकें शान्त करने का समय
यूएन प्रमुख ने कहा, “7 अक्टूबर का दिन स्वभाविक रूप से, उस भीषण दिन हुई घटनाओं पर ध्यान देने का अवसर है. मैं सभी पीड़ितों और उनके प्रियजन के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करता हूँ.”
“7 अक्टूबर के बाद से, हिंसा और रक्तपात की भीषण लहर भड़क उठी है. मैंने इसके बारे में अक्सर और बेबाक रूप में अपनी बात रखी है.”
यूएन महासचिव ने कहा कि यह समय है कि बन्धकों को रिहा कर दिया जाए. बन्दूकों को शान्त कर दिया जाए. उन तकलीफ़ों को ख़त्म कर दिया जाए जिन्होंने क्षेत्र को अपनी जकड़ में ले लिया है. यह समय है – शान्ति, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून और न्याय के लिए.
“संयुक्त राष्ट्र इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. बेतहाशा रक्तपात और विभाजनों की स्थिति में, हमें उम्मीद का दामन थामे रखना होगा.”
उन्होंने कहा, “आइए, हम पीड़ितों की याद का सम्मान करें, परिवारों को फिर से मिलाएँ और पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में पीड़ाओं और हिंसा का अन्त करें.”
“और, हम इस टकराव का एक ऐसा दीर्घकालिक समाधान तलाश करने के अपने प्रयास कभी भी बन्द नहीं करें जहाँ इसराइल, फ़लस्तीन और क्षेत्र के अन्य देश, अन्ततः शान्ति और गरिमा के साथ रह सकें और एक दूसरे का सम्मान करें.”