अगले महीने 4 जून को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे तो उसमें केवल राजनीतिक नहीं बल्कि शेयर बाजार की भी अपनी दिलचस्पी है। शेयर मार्केट से जुड़े लगभग हर छोटे-बड़े निवेशक और ट्रेडर्स के मन में बस यही सवाल है कि 4 जून के बाद शेयर बाजार की चाल ऊपर जाएगी या नीचे। वैसे तो इस बात की कोई आशंका नहीं है कि शेयर बाजार को कोई झटका लगने वाला है। लेकिन अगर सब कुछ शेयर मार्केट के मिजाज मुताबिक होता है तो फिर ऐसे कई शेयर हैं जिन्हें रॉकेट बनने से कोई नहीं रोक सकता।
दिग्गज निवेशक मार्क मोबियस का कहना है कि अगर NDA को 400 से ज्यादा सीटें मिलती हैं तो शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी आएगी। शेयर बाजार को लेकर मार्क मोबियस के नजरिए की। मोबियस ने हमारे एक सहयोगी टीवी चैनल CNBC-TV18 से बातचीत में बताया है कि NDA को अगर 400 से ज्यादा सीटें मिलती हैं तो भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी आएगी। और यही भारत की इकोनॉमी के लिए भी अच्छा होगा। मोबियस ने कहा, ” 400 पार जाना शेयर बाजार के लिए अच्छी खबर। इससे भी बड़ी बात यह है कि यह अर्थव्यवस्था के लिए बहुत सपोर्टिव होगा।”
मार्क मोबियस से जब ये पूछा गया कि आखिर भारतीय शेयर बाजार में इतना उतारचढ़ाव क्यों है। आखिर क्यों FIIs इतने बड़े पैमाने पर बिकवाली कर रहे हैं। आपको भी ये बात जरूर परेशान कर रही होगी आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। एक दिन बाजार में अच्छी तेजी तो दूसरे दिन गिरावट। जैसे आज शेयर बाजार में दमदार तेजी रही है। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 677 अंकों की तेजी के साथ 73,663.72 पर बंद हुआ। जबकि निफ्टी 50, 203 अंकों की तेजी के साथ 22,403.85 पर बंद हुआ।
चलिए अब फिर से लौटते हैं उसी बात पर कि आखिर भारतीय शेयर बाजार में इतना उतारचढ़ाव क्यों है। मार्क मोबियस के मुताबिक, ऐसा शायद लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर एक अनिश्चितता पैदा होने से हुआ है। छोटे बड़े निवेशक फिर चाहे वो FII हो या भारतीय इनवेस्टर्स सबको इस Uncertainty से भी नफरता है। क्योंकि वो नहीं चाहते भविष्य को लेकर कोई भी Uncertainty रहे। उन्होंने ये भी कहा कि विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक अनुकूल माहौल चाहिए, जिसे एक मजबूत सरकार ही दे सकती है।
एक और बात मोबियस ने जोर देकर कहा है कि NDA सरकार की मजबूत वापसी से सरकारी को अपनी कई ambitious पॉलिसीज पर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। इसका सीधा फायदा इकोनॉमी और ग्रोथ को होगा।
मोबियस ने कहा, भारत के लिए टेक इनोवेशन और टेक मैन्युफैक्चरिंग सेंटर बनने का एक शानदार मौका है। लेकिन यह इस बात से तय होगा कि भारत सरकार चीन, ताइवान अमेरिका, जापान की बड़ी कंपनियों को किस हद तक अट्रैक्ट कर पाती है।
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