झारखंड के मुस्लिम दर्जी 55 वर्षीय गुलाम जिलानी ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए 40 फुट लंबा और 42 फुट चौड़ा ‘हनुमान ध्वज’ तैयार किया है। यह ध्वज अयोध्या स्थित नवनिर्मित राम मंदिर के शिखर पर 22 जनवरी को फहराया जाएगा। झारखंड के हजारीबाग जिले के जिलानी तीसरी पीढ़ी के दर्जी हैं जिन्हें धार्मिक ‘महावीरी’ ध्वज तैयार करने में विशेषज्ञता हासिल है। जिलानी ने कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि मेरे द्वारा सिला गया ध्वज ऐतिहासिक राम मंदिर की शोभा बढ़ाएगा, जिसका सपना 100 करोड़ से अधिक लोग देख रहे हैं। अगर मुझे अवसर मिला तो मैं उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए निश्चित रूप से अयोध्या जाऊंगा।’’
जिलानी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर में राम लला की प्रतिमा की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ या अभिषेक समारोह में भाग लेंगे। 70 एकड़ के मंदिर परिसर में 392 खंभे और 732 मीटर तक फैली 14 फीट चौड़ा ‘परकोटा’ है। जिलानी ने कहा कि उन्होंने सिलाई अपने पिता अब्दुल शकूर से सीखी थी जिनकी लगभग 40 साल पहले 80 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने पिता के साथ वीर वस्त्रालय के सामने स्थित फतेह लाल अग्रवाल के स्वामित्व वाले भोला वस्त्रालय में काम करता था। मैं वीर वस्त्रालय में कार्यरत हूं।’’
RSS नेता ने दिया था ध्वज का ऑर्डर
वीर वस्त्रालय के मालिक देवेन्द्र जैन ने कहा, ‘‘40 फुट के ध्वज में एक तरफ भगवान हनुमान की छवि है और दूसरी तरफ भगवान हनुमान के कंधों पर भगवान राम और लक्ष्मण की छवि है।’’ जैन ने कहा कि जिलानी ने क्षेत्र में हिंदू-मुस्लिम एकता को मजबूत करने वाले हजारों रामनवमी और महावीरी ध्वज बनाए हैं। इस ध्वज को बनाने का काम बड़ाबाजार हजारीबाग में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख नेता नवल किशोर खंडेलवाल ने दिया था। उन्होंने दावा किया कि 81 वर्षीय खंडेलवाल वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व वाले उस समूह का हिस्सा थे, जिन्होंने छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस में भाग लिया था।
हनुमान ध्वज
100 फुट ऊंचे खंभे पर लहराएगा ध्वज
जैन ने कहा कि यह ध्वज करीब 10 दिन में बनकर 26 दिसंबर को तैयार हो गया था। जैन ने कहा कि इस ध्वज को बनाने में 150 मीटर कपड़े का इस्तेमाल किया गया है। इसे मंदिर में 100 फुट ऊंचे खंभे पर लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस ध्वज की कीमत 21,000 रुपये है। उन्होंने कहा कि वीर वस्त्रालय की स्थापना 1977 में हुई थी और यह हर साल सभी धर्मों के लिए दो लाख से अधिक ध्वज बनाता है। उन्हें रामनवमी और शिवरात्रि के दौरान विदेशों से भी ध्वज बनाने का काम मिलता है।
’32 वर्षों के बाद सच हो रहा मेरा सपना’
खंडेलवाल ने अपने रिकॉर्ड किए गए बयान में कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस में भाग लेने के बाद, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और तीन महीने के लिए हजारीबाग केंद्रीय कारागार में बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘अयोध्या में राम मंदिर देखने का मेरा सपना लगभग 32 वर्षों के बाद सच हो रहा है। फिलहाल मैं अस्वस्थ हूं, लेकिन 22 जनवरी को मंदिर के उद्घाटन में भाग लेने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा।’’
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