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2030 एजेंडा: बेहतर भविष्य के लिए पिछड़ती वैश्विक कार्रवाई, बीता जा रहा है समय

2030 एजेंडा: बेहतर भविष्य के लिए पिछड़ती वैश्विक कार्रवाई, बीता जा रहा है समय

सतत विकास पर उच्चस्तरीय राजनैतिक फ़ोरम 2024’, पिछले वर्ष सितम्बर में आयोजित सतत विकास लक्ष्यों पर हुई शिखर बैठक के बाद हो रही है, जिसे यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने उस समय टिकाऊ विकास एजेंडा को वास्तविकता में साकार करने के लिए एकजुटता का क्षण क़रार दिया था.

यूएन मुख्यालय में व्यस्तता भरे दो सप्ताह के दौरान, देशों की सरकारों के मंत्री, कार्यकर्ता और नागरिक समाज के सदस्य इस बैठक के दौरान आपस में मिलकर चर्चा करेंगे, जिसका सीधा प्रसारण यूएन वैब टीवी पर किया जाएगा.

उच्चस्तरीय राजनैतिक फ़ोरम की पूर्वसंध्या पर, एक नज़र इस महत्वपूर्ण आयोजन से जुड़े पाँच अहम तथ्यों पर.

1. यह वैश्विक लक्ष्यों को साकार करने के लिए है

वर्ष 2015 में टिकाऊ विकास के लिए 2030 एजेंडा के तहत टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को स्थापित किया गया था, और तभी उच्चस्तरीय राजनैतिक फ़ोरम का खाका भी तैयार हुआ.

यूएन सदस्य देशों ने इस एजेंडा पर सहमति जताते हुए उसे पारित किया था, जिसे पृथ्वी व आमजन के लिए एक बेहतर भविष्य का ब्लूप्रिन्ट भी कहा जाता है. इस एजेंडा के अन्तर्गत 17 लक्ष्य स्थापित किए गए हैं, जोकि निर्धनता, शिक्षा, लैंगिक समानता और पर्यावरण संरक्षण पर केन्द्रित हैं.

इन लक्ष्यों की प्राप्ति के सफ़र में आधे पड़ाव पर 2023 में एसडीजी शिखर बैठक आयोजित की गई, जिसमें यह स्पष्ट हो गया कि फ़िलहाल वैश्विक प्रयास, प्रगति पथ से बहुत दूर हैं.

इसके मद्देनज़र, इस वर्ष राजनैतिक फ़ोरम में प्रतिनिधि, एसडीजी प्राप्ति के प्रयासों में नया उत्साह भरने और वैश्विक कार्रवाई में तेज़ी लाने पर ध्यान केन्द्रित करेंगे.

इस वर्ष सर्वजन के लिए एक बेहतर भविष्य को आकार देने के इरादे से भविष्य की शिखर बैठक आयोजित की जाएगी.

इस वर्ष सर्वजन के लिए एक बेहतर भविष्य को आकार देने के इरादे से भविष्य की शिखर बैठक आयोजित की जाएगी.

2. पाँच अहम लक्ष्यों पर नज़र

इस वर्ष निम्न पाँच महत्वपूर्ण टिकाऊ विकास लक्ष्यों की समीक्षा होगी: एसडीजी-1 (निर्धनता का अन्त), एसडीजी-2 (शून्य भूख), एसडीजी-3 (जलवायु कार्रवाई), एसडीजी-4 (शान्ति, न्याय व मज़बूत संस्थान), और एसडीजी-17 (लक्ष्यों के लिए साझेदारियाँ).

पिछले वर्ष की बैठक के दौरान एक प्रगति रिपोर्ट तैयार की गई थी, जिसके प्रमुख निष्कर्षों पर अगले दो सप्ताह के दौरान चर्चा होगी. 

यूएन महासचिव के अनुसार, इस प्रगति रिपोर्ट में टिकाऊ विकास लक्ष्यों की दिशा में हुई प्रगति का व्यापक स्तर पर आकलन किया गया, और यह दर्शाती है कि दुनिया इस परीक्षा में विफल हो रही है.

उदाहरणस्वरूप, वर्ष 2022 में विश्व भर में 70 करोड़ लोग प्रति दिन, 2.15 डॉलर से भी कम पर गुज़ारा करने के लिए मजबूर थे. 78 करोड़ से अधिक लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा था. पिछले 9 वर्ष अब तक के सर्वाधिक गर्म साल साबित हुए हैं. वहीं, अनेक देशों में बड़ी आबादियों के लिए न्याय तक पहुँच बेहद कठिन है.

हर टिकाऊ विकास लक्ष्य के अन्तर्गत फिर विशिष्ट लक्ष्य (targets) भी स्थापित किए गए, जिनमें से कुछ को हासिल करने में सफलता मिली हा.

जैसेकि, बाल मृत्यु दर में गिरावट आई है, मगर कुल मिलाकर प्रगति दर्शाने वाले विशिष्ट लक्ष्यों की संख्या बहुत कम है और क़रीब एक-तिहाई मामलों में प्रगति अवरुद्ध हो गई है या उसकी दिशा पलट गई है.

अफ़ग़ानिस्तान के बल्ख़ प्रान्त में, मज़ार-ए-शरीफ़ के एक स्कूल में तालीम हासिल करती कुछ लड़कियाँ.

अफ़ग़ानिस्तान के बल्ख़ प्रान्त में, मज़ार-ए-शरीफ़ के एक स्कूल में तालीम हासिल करती कुछ लड़कियाँ.

3. सदस्य देश, अपने सफलता अनुभवों को साझा करेंगे

संयुक्त राष्ट्र यह दर्शाने के लिए तत्पर है कि अभी उम्मीद ख़त्म नहीं हुई है. नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में तेज़ी से प्रगति हुई है, अधिकाँश क्षेत्रों में लड़कियाँ समता हासिल कर रही हैं और कुछ मामलों में तो लड़कों से आगे निकल रही हैं. वहीं एचआईवी/एड्स के विरुद्ध लड़ाई में भी प्रगति दर्ज की गई है.

इस बैठक दौरान, अनेक सदस्य देश ऐसे ही सफलता भरे अनुभवों, सर्वोत्तम तौर-तरीक़ों और अब तक लिए गए सबक़ को साझा करेंगे. स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा प्रस्तुत करने वाले देशों की पूरी सूची यहाँ देखी जा सकती है.

आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के लिए यूएन अवर महासचिव ली जुनहुआ ने बताया कि मानवता ने बार-बार यह दर्शाया है कि जब हम साथ मिलकर काम करते हैं और सामूहिक समझ का उपाय करते हैं, तो हम कठिन से कठिन नज़र आने वाली चुनौतियों का भी समाधान ढूंढ सकते हैं.

यूएन महासभा हॉल में आदिवासी मुद्दों पर स्थाई फ़ोरम के दौरान एक प्रतिनिधि.

यूएन महासभा हॉल में आदिवासी मुद्दों पर स्थाई फ़ोरम के दौरान एक प्रतिनिधि.

4. देशों से इतर, अन्य आवाज़ों को भी सुना जाएगा

टिकाऊ विकास के लिए 2030 एजेंडा, केवल सरकारों को नहीं बल्कि समाज के सभी क्षेत्रों को प्रभावित करता है, और यही बात इस फ़ोरम में भी परिलक्षित होगी.

ऐसे अनेक विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें विविध प्रकार की पृष्ठभूमि से आने वाले व्यक्तियों व समूहों को प्रतिनिधित्व मिलेगा. महिलाएँ, बच्चे, युवजन, ग़ैर-सरकारी संगठन, आदिवासी लोग और स्थानीय प्रशासनिक एजेंसियाँ.

पहले सप्ताह के दौरान, टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर विज्ञान आधारित कार्रवाई, स्थानीय व क्षेत्रीय सरकारों की लामबन्दी, और शिक्षा में रूपान्तरकारी बदलाव की थीम पर केन्द्रित कार्यक्रमों पर नज़र रहेगी.

वहीं, दूसरे सप्ताह में खाद्य सुरक्षा व पोषण, जल कार्रवाई और जलवायु पर चर्चा होगी. 

कार्यक्रम की पूरी सूची यहाँ उपलब्ध है.

न्यूयॉर्क में यूएन सचिवालय के पास 17 टिकाऊ विकास लक्ष्यों को प्रदर्शित करते स्तंभों के पास उपस्थित युवा.

न्यूयॉर्क में यूएन सचिवालय के पास 17 टिकाऊ विकास लक्ष्यों को प्रदर्शित करते स्तंभों के पास उपस्थित युवा.

5. अगला पड़ाव: भविष्य की शिखर बैठक

यह उच्चस्तरीय राजनैतिक फ़ोरम, 22-23 सितम्बर को आयोजित हो रही ‘भविष्य की शिखर बैठक‘ से ठीक पहले एक अहम आयोजन है. भविष्य की शिखर बैठक, यूएन महासभा के वार्षिक सत्र के दौरान उच्चस्तरीय सप्ताह में बुलाई गई है, जिसका लक्ष्य बहुपक्षीय व्यवस्था में नई स्फूर्ति भरना और दुनिया को फिर से टिकाऊ विकास लक्ष्यों के मार्ग पर वापिस लाना है.

वित्त पोषण के मुद्दे पर प्रगति, इन दोनों ही आयोजनों में छाए रहने की सम्भावना है. जुलाई फ़ोरम में होने वाली चर्चा और उसके निष्कर्ष, भविष्य की शिखर बैठक में पारित होने वाले घोषणापत्र व दस्तावेज़ों का भी हिस्सा बनेंगे.

इनमें वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए प्राथमिकताओं व कार्रवाई को निर्धारित करने पर लक्षित ‘भविष्य के लिए वचन-पत्र’ भी है. साथ ही, ‘भावी पीढ़ियों के लिए घोषणापत्र’ भी पारित होने की आशा है, जिसमें आने वाली पीढ़ियों के हितों की रक्षा के लिए कुछ विशिष्ट क़दमों को प्रस्तुत किया जाएगा.

इसके अलावा, ‘वैश्विक डिजिटल कॉम्पैक्ट’ के ज़रिये सर्वजन के लिए एक स्वतंत्र, सुरक्षित व मानव-केन्द्रित डिजिटल भविष्य का मार्ग तैयार होगा.

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