दुनिया की जानी-मानी बैंक, सिटीग्रुप इंक (Citigroup Inc) इस साल करीब 20,000 लोगों की छंटनी कर सकती है। बैंक ने एक बयान में कहा कि इस छंटनी में उसका करीब 1 अरब डॉलर तक का खर्च आ सकता है क्योंकि उसे निकलने वाले कर्मचारियों को छंटनी के तौर पर कुछ दिनों की अतिरिक्त सैलरी देनी पड़ सकती है। दरअसल नए चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO), जेन फ्रेशर के आने बाद से ही सिटीग्रुप अपने कारोबार को फिर से व्यवस्थित करने में जुट गई है। वॉल स्ट्रीट पर सूचीबद्ध इस दिग्गज कंपनी का लक्ष्य अपने लागतों का कम करना और शेयरधारकों के रिटर्न को बढ़ाना है।
न्यूयॉर्क मुख्यालय वाली सिटीग्रुप ने शुक्रवार 12 जनवरी को एक बयान में कहा कि साल 2024 में उसका कुल खर्च करीब 53.5 से 53.8 अरब डॉलर के बीच रह सकता है। यह साल 2023 में हुए कंपनी के कुल 56.4 अरब डॉलर से कुछ कम होगा।
कंपनी की लागत में आई कमी ने इसके चौथी तिमाही के निराशाजनर आंकड़ों को कुछ हद तक छुपाने में मदद की। दिसंबर तिमाही में बैंक फिक्स्ड-इनकम ट्रेडर्स के लिए चौथी तिमाही, पिछले 5 सालों में सबसे बुरी रही थी। इसका इंटरेस्ट और करेंसी मार्केट साल के आखिरी हफ्तों में काफी प्रभावित हुआ। वहीं इसका रेवेन्यू 25 फीसदी गिरकर 2.6 अरब डॉलर रहा।
फ्रेजर ने बयान में कहा, “चौथी तिमाही बहुत निराशाजनक रही। हालांकि अब हम कारोबारी में सरलीकरण और विनिवेश के राह पर काफी आगे आ गए हैं। ऐसे में 2024 एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।”
फ्रेजर ने सितंबर में सिटीग्रुप में कई दशकों के सबसे बड़े रिस्ट्रक्चर की शुरुआत की थी। वह बैंक के रिटर्न को बेहतर बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस कदम से बैंक में नौकरशाही को खत्म करने में मदद मिलेगी क्योंकि बैंक में अब मैनेजमेंट का लेवल 13 से घटकर केवल 8 रह जाएगा।
फ्रेजर ने यह भी कहा है कि इस बदलाव से उन्हें बैंक के मुनाफे को भी बढ़ाने में मदद मिलेगी। सिटीग्रुप को दिसंबर तिमाही के दौरान 1.8 अरब डॉलर या प्रति शेयर 1.16 डॉलर का घाटा हुआ था।