राजनीति

2 मई को अदालत में होगा सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी के भाग्य का फैसला होगा

लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने भले ही बाहुबली रहे दिवंगत मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को गाजीपुर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया हो लेकिन अफजाल चुनाव लड़ पायेंगें या नही इस पर अंतिम फैसला इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक फैसले से होगा। दरअसल, भाजपा के मुहम्मदाबाद से तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड के गैंगस्टर मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट से अफजाल को सुनाई गई चार साल की सजा पर फैसला होना है। जबकि चार साल की सजा के खिलाफ कृष्णानंद राय के परिवार ने अफजाल की सजा बढ़ाकर दस साल करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में अपील दायर की है जिस पर फैसला 02 मई को यानी कल आना है। अगर फैसला पक्ष में आता है तो उनका सियासी सफर जारी रहेगा।वर्ना आगे उनके सामने समस्या खड़ी हो सकती है।

वर्ष 2002 के चुनाव में अफजाल को हराने वाले तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की 29 नवंबर, 2005 को बसनियां में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में संजीव जीवा, मुन्ना बजरंगी सहित साजिश में अंसारी बंधुओं पर भी केस दर्ज कराया गया था। हत्याकांड में अंसारी बंधु बरी हो गए थे, लेकिन इसी केस को आधार बनाते हुए पुलिस ने वर्ष 2007 में अफजाल व मुख्तार पर गैंगस्टर का मुकदमा भी दर्ज किया था।

इस मामले में 29 अप्रैल 2023 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने अफजाल को चार व मुख्तार को 10 वर्ष की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद अफजाल जेल चले गए और संसद सदस्यता खत्म हो गई थी। फिर हाई कोर्ट के आदेश पर जमानत पर छूटे अफजाल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई और अपना पक्ष रखा कि जब विधायक हत्याकांड में वह बरी हो चुके हैं, तो इसको आधार बनाकर गैंगस्टर के तहत लोअर कोर्ट का फैसला अस्वीकार्य है। सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2023 को अफजाल की सजा को सशर्त निलंबित कर दिया। सदस्यता बहाल कर दी।

हाई कोर्ट को 30 जून तक निर्णय करने का समय दिया है। वहीं, कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने उनकी सजा चार से बढ़ाकर 10 वर्ष करने की अर्जी हाई कोर्ट में दी है। दोनों की सुनवाई साथ हो रही है।

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