PM Modi Varanasi Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के स्वतंत्रता भवन में सांसद ज्ञान प्रतियोगिता, सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता और सांसद संस्कृत प्रतियोगिता के प्रतिभागियों से संवाद किया। साथ ही विजेताओं को पुरस्कृत किया। प्रधानमंत्री ने यहां लगाई गई चित्र प्रदर्शनी भी देखी। तीन चरणों में हुई काशी सांसद ज्ञान प्रतियोगिता में दो लाख से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया था। पांच आयु वर्ग में यह प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसके विजेता प्रतिभागियों टीम वन के ओम सिंह, नैतिक मौर्या और शुभम मौर्य को प्रधानमंत्री ने पुरस्कृत किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद हैं। सीएम योगी ने उन्हें जयघोष का प्रतीक स्मृति चिह्न ‘शंख पुष्प’ भेंट दिया।
BHU के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि जिस काशी को समय से भी प्राचीन कहा जाता है, जिसकी पहचान को युवा पीढ़ी जिम्मेदारी से सशक्त कर रही है। ये दृश्य हृदय में संतोष भी देता है, गौरव की अनुभूति भी कराता है और यह विश्वास भी दिलाता है कि अमृत काल में सभी युवा देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में काशी में चारों ओर विकास का डमरू बजा है।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में काशी में विकास के जो कार्य हुए हैं। काशी के बारे में संपूर्ण जानकारी पर आज यहां दो बुक भी लांच की गई है। पिछले 10 वर्ष में काशी ने विकास की जो यात्रा तय की है, उसके हर पड़ाव और यहां की संस्कृति का वर्णन इस बुक में भी किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सब तो निमित्त मात्र हैं, काशी में करने वाले तो महादेव हैं। जहां महादेव की कृपा हो जाती है, वह धरती ऐसे ही संपन्न हो जाती है। उन्होंने कहा कि काशी केवल हमारी आस्था का तीर्थ ही नहीं है, ये भारत की शाश्वत चेतना का जाग्रत केंद्र है।
पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था, जब भारत की समृद्धि गाथा पूरे विश्व में कही जाती थी। इसके पीछे भारत की केवल आर्थिक ताकत ही नहीं थी। इसके पीछे हमारी सांस्कृतिक समृद्धि भी थी, सामाजिक और आध्यात्मिक समृद्धि भी थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी जैसे हमारे तीर्थ और विश्वनाथ धाम जैसे हमारे मंदिर ही राष्ट्र की प्रगति की यज्ञशाला हुआ करती थीं। यहां साधना भी होती थी और शास्त्रार्थ भी होते थे। यहां संवाद भी होते थे और शोध भी होते थे। उन्होंने कहा कि यहां संस्कृति के स्रोत भी थे और साहित्य संगीत की सरिताएं भी थीं।
पीएम मोदी ने कहा कि काशी शिव की भी नगरी है, ये बुद्ध के उपदेशों की भी भूमि है। काशी जैन तीर्थंकरों की जन्मस्थली भी है और आदि शंकराचार्य को भी यहां से बोध मिला था। उन्होंने कहा कि पूरे देश से और दुनिया के कोने-कोने से भी ज्ञान, शोध और शांति की तलाश में लोग काशी आते हैं। हर प्रांत, हर भाषा, हर बोली, हर रिवाज के लोग काशी आकर बसे हैं।
पीएम ने अपने संबोधन में आगे कहा कि जिस स्थान पर ऐसी विविधता होती है, वहीं नए विचारों का जन्म होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी तमिल संगमम और गंगा पुष्करालु महोत्सव जैसे एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियानों का भी विश्वनाथ धाम हिस्सा बना है।