Budget 2024: वित्त वर्ष 2025 के लिए बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने ऐलान किया कि सरकार कुछ पुरानी टैक्स डिमांड को विदड्रॉ करेगी। इसके तहत वित्त वर्ष 2009-10 तक की 25000 रुपये तक की टैक्स डिमांड और 2010-11 से लेकर 2014-15 तक की 10000 रुपये तक की टैक्स डिमांड को विदड्रॉ किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे 1 करोड़ करदाताओं को फायदा होगा। लेकिन सरकार को कितना नुकसान होगा? उसे कुल कितना अमाउंट छोड़ना पड़ेगा? इस सवाल का जवाब बजट के बाद प्रेस कांफ्रेंस में रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने दिया।
एक सवाल के जवाब में मल्होत्रा ने बताया कि इस फैसले से सरकार को लगभग 3500 करोड़ रुपये छोड़ने या माफ करने पड़ेंगे। मल्होत्रा के मुताबिक, इनकम टैक्स, वेल्थ टैक्स, गिफ्ट टैक्स के मामले में बड़ी संख्या में छोटे अमाउंट वाली टैक्स डिमांड पेंडिंग हैं। बड़ी और छोटी सभी तरह की लगभग 2.68 करोड़ टैक्स डिमांड पेंडिंग हैं, जिनमें 35 लाख करोड़ रुपये का टैक्स अटका हुआ है। इन 2.68 करोड़ टैक्स डिमांड्स में से 2.1 करोड़ डिमांड ऐसी हैं, जिनके तहत अमाउंट 25000 रुपये से कम है। इनमें से कुछ टैक्स डिमांड ऐसी हैं, जो साल 1962 से पेंडिंग हैं। 1962 में ही आयकर कानून लागू हुआ था। इन्हीं 2.1 करोड़ डिमांड को विदड्रॉ किया जा रहा है।
2010-11 की क्यों ली गई कट ऑफ
बजट स्पीच में वित्त मंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में कई छोटी-छोटी, गैर-सत्यापित, नॉन एडजस्टेड या विवादित डायरेक्ट टैक्स डिमांड, बही खातों में लंबित हैं। इनके कारण ईमानदार करदाताओं को परेशानी होती है और बाद के वर्षों में रिफंड जारी करने की प्रक्रिया में भी बाधा आती है।