Uncategorized

हेती में जारी हिंसा के कारण हर मिनट एक बच्चा विस्थापित, यूनीसेफ़

यूनीसेफ़ की कार्यकारी निर्देशक कैथरीन रसैल ने बच्चों और किशोरों पर हिंसा के भयावह प्रभाव को उजागर किया है.

उन्होंने कहा, “हमारी आँखों के सामने घट रही यह मानवीय आपदा बच्चों पर विनाशकारी प्रभाव डाल रही है. विस्थापित बच्चों को सुरक्षित और सुरक्षात्मक माहौल की सख़्त ज़रूरतहै, तथा उन्हें अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ़से अधिक समर्थन और धन की ज़रूरत है.”

देश भर में वर्षों से जारी राजनैतिक उथल-पुथल, बेतहाशा ग़रीबी, बीमारियों का विशाल फैलाव और अनेकानेक आपदाओं की पृष्ठभूमि में, लगभग तीस लाख बच्चों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है.

बढ़ती चुनौतियाँ

हेती में विस्थापित बच्चों को हिंसा का बहुत ज़्यादा जोखिम है, जिसमें यौन उत्पीड़न, शोषण, दुर्व्यवहार और परिवार से अलगाव शामिल है. उनके लिए सुरक्षित स्थान, स्वास्थ्य सेवा और स्वच्छ जल व स्वच्छता जैसी आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता कठिन है.

शिविरों और अस्थाई बस्तियों में गन्दगी के कारण बच्चों में हैज़ाजैसी बीमारियों का ख़तरा बढ़ रहा है. हिंसा के कारण स्कूल बन्दहोने से और आर्थिक तंगी के कारण, बहुत से बच्चे अपनी शिक्षा छोड़ने को मजबूर हो गए हैं.

यूनीसेफ़ ने ज़ोर दिया कि बच्चे,जीवित रहने या सुरक्षा के अन्य साधन नहीं होने के कारण, सशस्त्र समूहों में शामिल होने के लिए मजबूर हो रहे हैं, जो उनके अधिकारों और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का स्पष्ट उल्लंघन है.

यूनीसेफ़ की चेतावनी

इन चुनौतियों के साथ-साथ, प्राकृतिक आपदाएँ भी देश भर में क़हर बरपा रही हैं.

हेती के राष्ट्रीय आपातकालीन संचालन केन्द्रने “अत्यधिक सक्रिय” चक्रवाती मौसम की चेतावनी दी है. इस चक्रवात के कारण पहले ही असुरक्षित विस्थापित आबादी को और अधिक ख़तरा है. जून महीने में, पश्चिमोत्तरविभाग एक इलाक़े में आए एक तूफ़ान ने, 650 बच्चों के घर तबाह कर दिए थे.

यूनीसेफ़ ने चेतावनी दी है कि पहले से कमज़ोर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को अब, बरसात के मौसम का सामना करना पड़ेगा, जिससे स्थिति और भी अधिक बिगड़ सकती है, और जल जनित बीमारियों का ख़तरा बढ़ सकता है.

यूनीसेफ़ प्रमुख कैथरीन रसैल ने कहा, “हेतीमें बच्चों की ज़रूरतें और ख़तरे दोनों बढ़ रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि इस स्थिति को सुधारने के लिए हर किसी को अपनी भूमिका निभानी होगी और सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे सुरक्षित रहें, उन्हें शिक्षा मिले और बुनियादी सेवाओं तक उनकी पहुँच हो.

कैथरीन रसैल ने कहा कि बच्चों को वयस्कों द्वारा उत्पन्न संकट के लिए,अपने जीवन और भविष्य को ख़तरे में डालकर क़ीमत नहीं चुकाने के लिए विवश नहीं होना चाहिए.

Source link

Most Popular

To Top