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हेती: आपराधिक गुटों की हिंसा के बीच, बच्चों की स्कूल वापसी के प्रयास

हेती: आपराधिक गुटों की हिंसा के बीच, बच्चों की स्कूल वापसी के प्रयास

संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित एक नई रिपोर्ट के अनुसार, हेती की राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स में पिछले एक साल के दौरान छात्रों की सैकड़ों घंटों की पढ़ाई-लिखाई की हानि हुई है. 

वहीं, 10 लाख से अधिक आम नागरिकों को आपात स्तर पर खाद्य असुरक्षा से जूझना पड़ रहा है. 

स्कूली सुरक्षा पर मंडराते ख़तरों के बीच, यूएन न्यूज़ ने ज़मीनी हालात का जायज़ा लिया है और बद से बदतर होते शिक्षा संकट से निपटने के लिए यूएन द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर यह जानकारी जुटाई है.

डाउनटाउन पोर्त-ओ-प्रिन्स में एक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में विस्थापितों के लिए अस्थाई आश्रय स्थल बनाए गए हैं.

डाउनटाउन पोर्त-ओ-प्रिन्स में एक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में विस्थापितों के लिए अस्थाई आश्रय स्थल बनाए गए हैं.

स्कूलों में तालाबन्दी

इस वर्ष, जनवरी महीने के अन्त तक, कुल 900 स्कूलों को अस्थाई रूप से बन्द कर दिया गया है, जिनमें से अधिकाँश पोर्त-ओ-प्रिन्स में हैं. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने बताया कि इससे दो लाख से अधिक बच्चे शिक्षा पाने के अधिकार से वंचित हो गए हैं.

इसके बाद फ़रवरी के अन्तिम दिनों में अनेक स्कूल अचानक से बन्द कर दिए गए, जब आपराधिक गुटों ने समन्वित ढंग से जेलों से साढ़े चार हज़ार से अधिक क़ैदियों को बाहर निकालने की कोशिश की.

पोर्त-ओ-प्रिन्स के 80-90 फ़ीसदी हिस्से पर अब आपराधिक गुटों का नियंत्रण है, और यूएन एजेंसियों को प्राप्त जानकारी के अनुसार, हथियारबन्द गुट द्वारा बच्चों को भर्ती किए जाने के मामले भी सामने आए हैं.

देश में हिंसा, लूटपाट और विध्वंस चिन्ताजनक स्तर पर पहुँच गई है. जीवनरक्षक सेवाओं को मुहैया कराने के लिए बुनियादी सुरक्षा की आवश्यकता है, ताकि राहतकर्मी ज़रूरतमन्द आबादी तक पहुँचे सके.

इसके मद्देनज़र, यूनीसेफ़ ने स्कूलों, अस्पतालों और अन्य बुनियादी ढाँचों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है, जिन पर बच्चों की विशाल निर्भरता है.

हेती के पोर्त-ओ-प्रिन्स में बच्चों के लिए खेलकूद स्थल के नज़दीक विस्थापित लोगों ने शरण ली हुई है.

हेती के पोर्त-ओ-प्रिन्स में बच्चों के लिए खेलकूद स्थल के नज़दीक विस्थापित लोगों ने शरण ली हुई है.

कक्षाएँ बनीं घर

मार्च के अन्त तक, हिंसा की वजह से कम से कम तीन लाख 62 हज़ार लोग विस्थापित हो चुके थे और अनेक राजधानी में फँसे हुए हैं. वहीँ हज़ारों लोगों ने सार्वजनिक इमारतों, स्कूलों समेत अन्य अस्थाई स्थलों पर शरण ली है.

हर एक कक्षा को कई परिवारों के लिए एक अस्थाई घर में तब्दील कर दिया गया है. खेल के मैदान, टैंट के आश्रय स्थल बन गए हैं. जिमनेज़ियम को उन लोगों के लिए खुले बिस्तर कक्षों में तब्दील कर दिया गया है, जोकि वहाँ शरण की तलाश में आए हैं.

25 मार्च की दोपहर, हथियारबन्द गुटों ने डाउनटाउन पोर्त-ओ-प्रिन्स के एक स्कूल में प्रवेश किया और 23 कक्षाओं को आग लगा दी. राहत एजेंसियों ने इस घटना की निन्दा की है.

ला सलीन इलाक़े में हुई एक अन्य घटना में, दो स्कूलों में साढ़े तीन हज़ार से अधिक बच्चे आपराधिक गुटों के बीच गोलीबारी की वजह से फँस गए. यूनीसेफ़ ने बच्चों की सुरक्षित रिहाई के लिए चार दिनों तक इन हथियारबन्द गुटों के साथ सम्पर्क व बातचीत की, जिसके बाद यह सम्भव हो पाया.

यूएन बाल कोष ने सभी पक्षों से छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और शैक्षणिक ढाँचे की सुरक्षा पर ध्यान देने का आग्रह किया है. यह ‘सुरक्षित स्कूल घोषणापत्र’ पहल के तहत किया जाना होगा, जोकि 119 देशों द्वारा अनुमोदित एक वैश्विक राजनैतिक संकल्प है. 

इस संकल्प को हेती का भी समर्थन प्राप्त है, जिसके ज़रिये सशस्त्र टकरावों के दौरान शिक्षा जारी रखने के लिए बेहतर संरक्षण उपाय व ज़रूरी समर्थन की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है.

हेती में बच्चे WFP के स्कूल भोजन कार्यक्रम के हिस्से के रूप में प्रदान किया गया भोजन खाते हुए.

हेती में बच्चे WFP के स्कूल भोजन कार्यक्रम के हिस्से के रूप में प्रदान किया गया भोजन खाते हुए.

आतंक, गहरा सदमा

यूनीसेफ़ के अनुसार, हेती में हिंसा में बच्चों की मौत हो रही है, वे घायल हो रहे हैं, उनके साथ बलात्कार किया जा रहा है और उन्हें बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है. इन हालात में वे बेहद आतंकित महसूस कर रहे हैं और गहरे सदमे से जूझ रहे हैं.

इन स्पष्ट ख़तरों के बावजूद, अभिभावक अपने बच्चों को अब भी स्कूल भेजना चाहते हैं. यूनीसेफ़ का कहना है कि शिक्षा, हर एक हेती परिवार के लिए बेहद अहम है और लोग उसे मूल्यवान मानते हैं.

मगर, आपराधिक गुटों का शहर की मुख्य सड़कों और बन्दरगाहों पर नियंत्रण बढ़ रहा है और अब उनकी पकड़ राजधानी के बाहर स्थित इलाक़ों में भी पहुँच रही है और स्कूलों की सुरक्षा के प्रति चिन्ता गहरा रही है.

इसके बावजूद, फ़िलहाल पोर्त-ओ-प्रिन्स और आर्टिबोनाइट इलाक़ों के बाहर स्थित स्कूलों में पढ़ाई अब भी हो रही है. अनेक स्कूलों में हिंसा व असुरक्षा के कारण जान बचाकर वहाँ पहुँचने वाले बच्चों को दाख़िला मिला है. 

हालांकि, निर्धनता के कारण कई परिवार अपने बच्चों की फ़ीस दे पाने में असमर्थ हैं.

बहुकोणीय समर्थन प्रयास 

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ एक साथ मिलकर, हेती में हज़ारों ज़रूरतमन्दों को भोजन, जल व आश्रय व्यवस्था मुहैया कराने में जुटी हैं, और बच्चों को स्कूलों में वापिस लाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं. 

इनमें अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) की एक पहल भी है, जिसके ज़रिये हिंसा की वजह से स्कूली पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले बच्चों को मनोसामाजिक समर्थन प्रदान किया जाता है.

पश्चिमोत्तर हेती में स्वैच्छिक कार्यकर्ता बच्चों के लिए भोजन तैयार करने में जुटे हैं.

पश्चिमोत्तर हेती में स्वैच्छिक कार्यकर्ता बच्चों के लिए भोजन तैयार करने में जुटे हैं.

साथ ही, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) द्वारा देश भर में ढाई लाख बच्चों के लिए गर्म भोजन की व्यवस्था की गई है.  

यूनीसेफ़, हिंसा और विस्थापन का शिकार हुए परिवारों को समर्थन प्रदान कर रहा है, ताकि बच्चों को फिर से औपचारिक शिक्षा का हिस्सा बनाया जा सके.

मगर, जिन इलाक़ों में यह सम्भव नहीं है वहाँ साझेदार संगठनों के साथ मिलकर वैकल्पिक, सुरक्षित व अस्थाई रूप से पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था की गई है.

स्कूली शिक्षा की व्यवस्था

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की मार्च महीनें प्रकाशित हुई रिपोर्ट के अनुसार, संगठन का लक्ष्य बच्चों को फिर से पढ़ाई-लिखाई व स्कूली आहार कार्यक्रमों के दायरे में लाना है.

स्कूलों के बन्द रहने की स्थिति में, दूरस्थ शिक्षा को रेडियो, टीवी और ई-लर्निंग प्लैटफ़ॉर्म के ज़रिये सुनिश्चित किया जा सकता है.

इस क्रम में, यूनीसेफ़ ने हेती के शिक्षा मंत्रालय के साथ सहयोग से राष्ट्रीय रेडियो स्टेशन पर रेडियो प्रसारण के ज़रिये इसकी व्यवस्था के लिए प्रयास किए है.

इसके अलावा, संकट के दौरान स्कूलों की क्षमता बढ़ाई जा रही है ताकि विस्थापित हुए स्कूली छात्रों को अन्य स्कूलों में दाख़िला मिल सके.

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