संयुक्त राष्ट्र मिशन (BINUH) की प्रमुख ने कहा कि हेती में सुरक्षा हालात बेहद नाज़ुक हैं, हिंसा फिर से भड़क रही है, और आपराधिक गुटों की सक्रियता की वजह से आम लोग कष्ट भोग रहे हैं.
बड़े पैमाने पर हिंसा अब राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स के बाहर फैल रही है, जिसके कारण राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था पर बोझ है.
उन्होंने बदतरीन मानवीय हालात का उल्लेख करते हुए क्षोभ व्यक्त किया कि ऐरबोनाइट क्षेत्र में 3 अक्टूबर को हुए एक हमले में 115 आम नागरिकों की जान गई थी और अनेक अन्य घायल हुए थे. इस हमले के बाद हज़ारों लोग अपने घरों से विस्थापित होने के लिए मजबूर हुए हैं.
विशेष प्रतिनिधि मारिया इज़ाबेल सल्वाडोर ने सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को बताया कि आपराधिक गुट अब समुद्री मार्ग से भी हमले कर रहे हैं.
राजनैतिक सुधार के लिए रणनीति
उन्होंने कहा कि यूएन मिशन ने एक व्यापक रणनीति तैयार की है, ताकि हेती के नागरिकों के नेतृत्व में राजनैतिक प्रक्रिया को समर्थन दिया जा सके. इसके तहत समावेशी सम्वाद, नए सिरे से चुनाव, संवैधानिक सुधारों और बेहतर राष्ट्रीय सुरक्षा पर बल दिया गया है.
विशेष प्रतिनिधि ने सचेत किया कि फ़िलहाल राजनैतिक नेतृत्व में एकता की कमी है और शीर्ष स्तर पर राजनैतिक तनाव को हवा मिल रही है.
इस पृष्ठभूमि में, यूएन मिशन विभिन्न धड़ों के बीच सहयोग को प्रोत्साहन देने के लिए प्रयासरत है, ताकि देश में ज़रूरी सुधारों और चुनाव के लिए रास्ता तैयार किया जा सके.
हिंसा, विस्थापन का चक्र
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की प्रमुख कैथरीन रसैल ने अपने सम्बोधन में कहा कि हेती में संकट से स्थानीय आबादी पर गहरा असर हुआ है, बच्चे स्कूलों से बाहर हैं और उन्हें हथियारबन्द गुटों द्वारा भर्ती किए जाने का ख़तरा है.
उन्होंने कहा कि ज़रूरतमन्दों तक मानवीय सहायता पहुँचाना बेहद चुनौतीपूर्ण है, और बच्चे अपने दम पर किसी तरह गुज़र-बसर कर रहे हैं.
मौजूदा मुश्किलों के बावजूद इस वर्ष, यूएन एजेंसियों और साझीदार संगठनों ने लाखों लोगों तक भोजन, स्वास्थ्य सेवा और अन्य प्रकार की महत्वपूर्ण मदद पहुँचाई है.
यूनीसेफ़ प्रमुख ने सुरक्षा परिषद से आग्रह किया कि हेती की मदद के लिए हथियारबन्द गुटों की गतिविधियों को रोकना होगा, मानवीय सहायता के लिए धनराशि मुहैया करानी होगी और मानवीय राहतकर्मियों के लिए संरक्षण व समर्थन सुनिश्चित करना होगा.