उद्योग/व्यापार

हांगकांग का स्टॉक मार्केट एक महीने में 10 फीसदी से ज्यादा उछला, जानिए अचानक इस तेजी की क्या है वजह

हांगकांग स्टॉक मार्केट ने अपनी चाल बदल ली है। 5.2 लाख करोड़ डॉलर के इस मार्केट में 2018 के बाद सबसे लंबा बुल रन दिख रहा है। इसमें चीन की टेक्नोलॉजी कंपनी टेनसेंट होल्डिंग्स और अलीबाबा होल्डिंग का बड़ा हाथ है। मई की शुरुआती तारीखों में हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज में तेज उछाल देखने को मिला। तब चीन के स्टॉक एक्सचेंज पब्लिक हॉलीडे पर बंद थे। चीन के इनवेस्टर्स स्टॉक मार्केट में एक्टिव नहीं थे। यह इस बात का संकेत है कि तब विदेशी इनवेस्टर्स खरीदारी कर रहे थे। बड़ा सवाल यह है कि क्या यह बुल रन वास्तविक है?

बीते एक महीना में हैंगसैंग इंडेक्स 10.44 फीसदी उछला है। हांगकांग के स्टॉक मार्केट की रैली में दो बातों का हाथ है। मई में निवेशक जापान और ताइवान के मार्केट्स में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे थे। मेरिल लिंच फंड मैनेजर्स सर्वे के मुताबिक, जापान और ताइवान के मार्केट्स एशिया में सबसे फेवरेट मार्केट्स हैं। ये तेजी से बढ़ते इंडियन मार्केट्स से भी आगे हैं। इन मार्केट्स में 60 फीसदी वेटेज सेमीकंडक्टर्स कंपनियों की है।

लेकिन, कंपनियों के नतीजों का सीजन शुरू होने और जापान में गोल्डन वीक हॉलीडे के नजदीक आने पर एसेट मैनेजर्स ने अपना मन बदलना शुरू कर दिया। ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (TSMC) ने 18 अप्रैल को इनवेस्टर्स के इस बुलिश नजरिए पर सवाल उठाया कि सिर्फ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बड़ी कंपनियों के खर्च करने से क्या चिप से जुड़े सेंटिमेंट को ताकत मिलेगी।

TSMC ने अर्निंग्स कॉल में अपने अनुमान घटा दिए। कंपनी स्मार्टफोन और पर्सनल-कंप्यूटिंग की कमजोर मांग को इसकी वजह बताया। इससे विदेशी इनवेस्टर्स ने ताइवान स्टॉक एक्सचेंज से मुंह मोड़ लिया। टीसीएमसी एडवान्स चिप बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। 29 अप्रैल को येन गिरकर 160 के पार चला गया। इसका असर भी देखने को मिला। इस साल अब तक निक्केई करीब 14 फीसदी बढ़ा है।

उधर, चीन में 30 अप्रैल को जारी पोलित ब्यूरो की मीटिंग के नतीजों से निवेशकों का हौसला बढ़ा। इससे पता चला कि सरकार प्रॉपर्टी क्राइसिस को खत्म करने के लिए कई तरह के उपाय करने को तैयार है। पोलित ब्यूरो के रुख में बदलाव से निवेशकों में उम्मीद जगी है। इससे निवेशकों की दिलचस्पी हांगकांग के स्टॉक मार्केट में बढ़ी। हालांकि, उनकी खरीदारी AIA Group, Meituan और Tencent जैसी ब्लूचिप कंपनियों के स्टॉक्स तक सीमित रही। ये कंपनियां ग्लोबल फंडों के रडार पर रही हैं।

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