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‘हमारी छवि खराब करने के लिए 100 करोड़ रुपये की पेशकश की’, BJP नेता का डीके शिवकुमार पर बड़ा आरोप

Prajwal Revanna Sexual Assault Case: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता एवं सीनियर वकील जी. देवराजे गौड़ा ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और चार अन्य मंत्री हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना के आपत्तिजनक वीडियो वाली पेन ड्राइव के प्रसार में कथित तौर पर शामिल थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि शिवकुमार ने उन्हें बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने और प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े अश्लील वीडियो मामले में जनता दल सेक्युलर (JDS) नेता एच.डी. कुमारस्वामी की छवि खराब करने के लिए 100 करोड़ रुपये की पेशकश की थी।

पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद हासन की जिला जेल ले जाते समय पत्रकारों से बात करते हुए देवराजे गौड़ा ने दावा किया, “पेन ड्राइव मामले में डी के शिवकुमार का हाथ है। इस मामले को संभालने के लिए चार मंत्रियों एन. चालुवरायास्वामी, कृष्णा बायरे गौड़ा, प्रियांक खड़गे और एक अन्य मंत्री की एक टीम बनाई गई थी। ऐसा बीजेपी, प्रधानमंत्री मोदी और कुमारस्वामी को बदनाम करने के लिए किया गया। मुझे 100 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी।”

बता दें कि देवराजे गौड़ा को यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस समय वह हिरासत में हैं। 33 वर्षीय प्रज्वल रेवन्ना पर महिलाओं के साथ यौन शोषण के कई आरोप हैं।

डिप्टी सीएम ने आरोपों को किया खारिज

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार और राज्य के अन्य मंत्रियों ने हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े वीडियो के पेन ड्राइव वितरित करने में अपनी भूमिका के आरोपों को शनिवार को खारिज कर दिया। पत्रकारों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा, “बेहतर होगा, वह (गौड़ा) लोकायुक्त या किसी अन्य एजेंसी के समक्ष मामला दायर करें। मुझे लगता है कि उन्हें मानसिक तौर पर कुछ समस्याएं हैं। मुझे बहुत खेद है, राष्ट्रीय और राज्य मीडिया को ऐसे निराधार आरोपों को नहीं उठाना चाहिए था। जो व्यक्ति जेल में है, वह ऐसे आरोप कैसे लगा सकता है? ये सब बेबुनियाद है। मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।”

यह पूछे जाने पर कि क्या वह गौड़ा के खिलाफ कोई मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे तो उन्होंने कहा, “मैं मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। मैं उनकी पार्टी के लोगों से अपील करता हूं कि वे उनका अच्छा इलाज कराएं।”

वहीं, मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि गौड़ा ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के तीन जिम्मेदार मंत्री एक टीम का हिस्सा थे और यह एक साजिश थी। उन्होंने कहा, “हम चर्चा करेंगे, जो भी कानूनी रास्ता निकलेगा, हम अमल करेंगे।”

खड़गे ने कहा, “देवराजे गौड़ा शायद शिवकुमार और सिद्धरमैया को बदनाम करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। अगर उन्हें 100 करोड़ रुपये की पेशकश गई थी, तो उन्हें अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री) को बताना चाहिए था और इसकी जांच करानी चाहिए थी। वह CBI, ED या IT छापे पड़वा सकते थे। उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया? दावा किया गया है कि उन्हें (गौड़ा को) एक क्लब में अग्रिम राशि के रूप में 5 करोड़ रुपये भेजे गए थे, उन्हें सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने दें और देखें कि वहां कौन-कौन थे।”

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मंत्री चालुवरायस्वामी ने भी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा, “अगर गौड़ा यह साबित कर दें कि चालुवरायस्वामी, प्रियांक खड़गे और कृष्णा बायरे गौड़ा ने इस मामले पर एक बैठक की थी और हमें एक टीम के रूप में जिम्मेदारी दी गई थी…या हम इस मामले में शामिल थे, तो मैं माफी मांगने के लिए तैयार हूं।”

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