बाजार नियामक SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने प्रमोटर्स की तरफ से एंप्लॉयीज को शेयर देने का एक और रास्ता खोल दिया है। सेबी ने प्रमोटर्स को इस बात की मंजूरी दे दी है कि वे एंप्लॉयीज को NSE-BSE यानी स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए भी ऑफर फॉर सेल के तहत शेयर बेच सकेंगे। शेयर ऑफर करने का यह रास्ता मौजूदा आउटसाइड-द-एक्सचेंज मैकेनिज्म के अलावा होगा। सेबी ने इससे जुड़ा जो सर्कुलर जारी किया है, उसके मुताबिक कुछ शेयर एंप्लॉयीज के लिए आरक्षित होने चाहिए और इस कैटेगरी के तहत अधिकतम 5 लाख रुपये की बोली लग सकेगी।
SEBI ने क्यों लिया यह फैसला
सेबी ने जो सर्कुलर जारी किया है, उसके मुताबिक एफिशिएंसी बढ़ाने, नियमों के अनुपालन में आसानी और लागत घटाने के लिए यह फैसला किया गया है। इसे लेकर सेबी की सेकंडरी मार्केट एडवायजरी कमेटी में काफी विचार-विमर्श हुआ और स्टॉक एक्सचेंजों के साथ-साथ क्लियरिंग कॉरपोरेशन से बातचीत हुआ। इसके बाद यह फैसला लिया गया कि प्रमोटर्स भी स्टॉक एक्सचेंज मैकेनिज्म के जरिए ऑफर फॉर सेल के तहत एंप्लॉयीज को शेयर बेच सकते हैं।
कैसी है पूरी प्रक्रिया
सेबी के सर्कुलर के मुताबिक ऑफर फॉर सेल जिस दिन खुलेगा, उसके एक दिन पहले ही यानी T-1 को क्लियरिंग कॉरपोरेशन के पास ये शेयर भेजने होंगे। एंप्लॉयीज को ये शेयर अगले दिन यानी T+1 को रिटेल कैटेगरी के साथ एक और नई कैटेगरी एंप्लॉयी के तहत मिलेंगे। हर एंप्लॉयी को अधिकतम 2 लाख रुपये तक के ही शेयर मिल सकेंगे। हालांकि अगर इश्यू फुल सब्सक्राइब नहीं हुआ है तो जितने शेयरों के लिए बोली नहीं मिल पाई है, उसे ऐसे एंप्लॉयीज को अलॉट किया जा सकता है जिनकी बोली 2 लाख रुपये से अधिक है। हालांकि किसी एंप्लॉयी को शेयरों का अलॉटमेंट 5 लाख रुपये से अधिक नहीं हो सकता है। एंप्लॉयी कैटेगरी के तहत जो अलॉटमेंट होगा, वह एंप्लॉयीज के पैन डिटेल्स के आधार पर होगा और यह T-1 डे को कंपनी मुहैया करा देगी।