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सूडान संकट: युद्ध का अन्त करने के लिए, ठोस व तत्काल कार्रवाई की पुकार

सूडान संकट: युद्ध का अन्त करने के लिए, ठोस व तत्काल कार्रवाई की पुकार

यह बैठक ऐसे समय हुई है जब सूडान की प्रतिद्वन्द्वी सेनाओं के बीच अप्रैल 2023 से चल रहे युद्ध ने, लगभग एक करोड़ लोगों को उनके घरों से विस्थापित कर दिया है, जिनमें आधी संख्या बच्चों की है.

संयुक्त राष्ट्र की आपदा राहत समन्वय एजेंसी – OCHA की एक शीर्ष अधिकारी जॉयस मसूया ने कहा है कि सूडान के लोगों को 17 महीनों से नरक जैसे हालात सहन करने पड़े हैं, और उनकी तकलीफ़ें बढ़ना जारी हैं.

OCHA की कार्यकारी अवर महासचिव और आपदा राहत समन्वयक जॉयस मसूया ने कहा, “हज़ारों आम लोगों की मौत हो चुकी है, पूरे के पूरे समुदाय विस्थापित हुए हैं और भोजन से भी वंचित हैं, परिवार तबाह हो गए हैं, बच्चों को भारी सदमा पहुँचा है, महिलाओं का बलात्कार किया गया है और उनके साथ अन्य तरह का दुर्व्यवहार हुआ है.”

“निर्णायक अन्तरराष्ट्रीय कार्रवाई की तत्काल ज़रूरत है. हमें हर ज़रूरतमन्द व्यक्ति तक, हर सम्भव रास्ते से पहुँचने के लिए, मानवीय पहुँच की आवश्यकता है. साथ ही आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संकल्प बढ़ाने और इस विध्वंसक युद्ध का अन्त करने के लिए, ठोस व समावेशी क़दम उठाए जाने भी ज़रूरी हैं.”

कठिन कूटनीति

संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों की बारम्बार चेतावनियों और युद्ध समाप्त करने के लिए, सुरक्षा परिषद की अपीलों के बावजूद, हिंसा बन्द नहीं ही है. अलबत्ता स्विटज़रलैंड में अमेरिकी नेतृत्व में अगस्त में मिस्र, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के मध्यस्थकारों के साथ हुई बातचीत में, पड़ोसी देश चाड से मानवीय सहायता आपूर्ति बढाने के संकल्प सामने आए हैं.

यूएन मानवीय सहायता एजेंसियों के अनुसार, यह आपदा अब दुनिया का सबसे बड़ा भुखमरी संकट बन चुकी है. एजेंसियों ने आगाह भी किया है कि पूरे सूडान भर में लगभग ढाई करोड़ लोग, पहले ही भुखमरी के अत्यन्त गम्भीर स्तर पर पहुँच चुके हैं.

OCHA की अवर महासचिव जॉयस मसूया ने सूडान की स्थिति पर विचार करने के लिए, न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में मंत्रिस्तरीय बैठक में कहा कि स्थानीय और अन्तरराष्ट्रीय मानवीय संगठनों के साहसिक प्रयासों के बावजूद, पर्याप्त सहायता आपूर्ति कर पाना मुश्किल हो रहा है. 

उन्होंने सदस्य देशों से पुकार लगाते हुए कहा कि ये संकल्प लें कि अगले एक वर्ष के दौरान मृत्यु, तबाही और असहनीय पीणाओं के बीच, फिर से इसी तरह की बैठक करने की ज़रूरत नहीं पड़नी चाहिए.

“आज, आइए, हम सभी, सूडान में आम लोगों की सुरक्षा की ख़ातिर ठोस क़दम उठाने का संकल्प लें.”

मृतक संख्या पर चेतावनी

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने मंगलवार को जिनीवा में कहा था कि सूडान में तत्काल मानवीय सहायता आपूर्ति नहीं हुई तो लाखों लोग मौत के नज़दीक पहुँच सकते हैं.

यूएन सहायता समन्वय एजेंसी – OCHA और यूएन शरणार्थी एजेंसी – UNHCR ने ज़ोर देकर कहा है कि उत्तरी दारफ़ूर के ज़मज़म शिविर में अकाल की पुष्टि हो चुकी है, मगर अनेक अन्य इलाक़े भी जोखिम के दायरे में हैं.

हालिया आकलन दिखाते हैं कि लगभग 50 लाख बच्चे और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाएँ, अत्यन्त गम्भीर कुपोषण के शिकार हैं.

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