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सीरिया संकट: शान्तिपूर्ण सत्ता हस्तान्तरण बहुत ज़रूरी, विशेष दूत

सीरिया संकट: शान्तिपूर्ण सत्ता हस्तान्तरण बहुत ज़रूरी, विशेष दूत

ग़ौरतलब है कि सीरिया में हाल ही में, हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) सहित विपक्षी ताक़तों ने राजधानी दम्शिक में धावा बोलकर राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता बाहर कर दिया है, जिसके बाद गेयर पैडरसन ने यह चेतावनी भरी बात कही है.

सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने मंगलवार को कहा है, “सीरिया अब एक ऐसे पड़ाव पर है, जहाँ हमारे लिए बहुत अच्छे अवसरों के साथ-साथ गम्भीर जोखिम भी दरपेश हैं. और हमें वास्तव में दोनों पर ग़ौर करने की आवश्यकता है.”

“निसन्देह हम जानते हैं कि अब देश में मुख्य रूप से एचटीएस का नियंत्रण है,  मगर यह भी याद रखना महत्वपूर्ण है कि वे दमिश्क में एकमात्र सशस्त्र समूह नहीं हैं.”

असद शासन का अन्त होने के बाद राजधानी दमिश्क की सड़कों पर उल्लासपूर्ण दृश्यों की तस्वीरें देखी गई हैं.

गेयर पैडरसन ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि सत्ता के हस्तान्तरण के दौरान, लूटपाट और “सार्वजनिक भवनों या निजी घरों पर हमलों” की ख़बरें भी आई हैं, मगर ऐसा लगता है कि ये वारदातें अब बन्द हो गई हैं जोकि एक अच्छी ख़बर है.

शान्ति की सम्भावनाएँ धराशाई

राजधानी दमिश्क से दूर के इलाक़ों में अनिश्चितता क़ायम है, सीरिया में 13 साल से जारी गृहयुद्ध के कारण क्षेत्रीय और अन्तरराष्ट्रीय पक्ष देश के घटनाक्रमों में संलिप्त हुए हैं, जिसके कारण संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में चल रहे शान्ति स्थापना के प्रयास बाधित हुए हैं.

संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने कहा कि देश पूर्वोत्तर क्षेत्र में टकराव ख़त्म नहीं हुआ है; “सीरियाई राष्ट्रीय सेना, विपक्षी समूहों और [सीरियाई लोकतांत्रिक बलों] के बीच झड़पें हुई हैं. हम इस क्षेत्र में भी स्पष्ट रूप से शान्ति की अपील कर रहे हैं.”

विशेष दूत गेयर पैडरसन ने, इसराइल के क़ब्ज़े वाली गोलान पहाड़ियों के इलाक़े में इसराइली सैनिकों की आवाजाही और सीरिया के अन्दर ठिकानों पर बमबारी की बहुत सी ख़बरों की तरफ़ भी ध्यान आकर्षित किया.

गेयर पैडरसन ने ज़ोर देकर कहा, “इसे रोकने की ज़रूरत है. मैं इसराइलियों के साथ सम्पर्क में नहीं हूँ, मगर निश्चित रूप से न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र सम्पर्क में है.”

“और, आप जानते हैं, गोलान पहाड़ी इलाक़े में, यूएन शान्तिरक्षक इसराइलियों के साथ दैनिक सम्पर्क में हैं. और निश्चित रूप से, न्यूयॉर्क मुख्यालय से भी सन्देश बिल्कुल वैसा ही है – कि हम जो देख रहे हैं वह 1974 में हुए सैन्य ठहराव समझौते का उल्लंघन है.”

गहरी अनिश्चितता का दौर

संयुक्त राष्ट्र के सीरिया दूत गेयर पैडरसन ने सुरक्षा परिषद के साथ अपनी गोपनीय बातचीत का सन्दर्भ देते हुए बताया कि देश में किस तरह सत्ता हस्तान्तरण अनिश्चितताओं से भरा हुआ है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि एचटीएस और इसकी मंशा के बारे में अभी बहुत कुछ स्पष्ट नहीं है. [अबू मोहम्मद अल] “जोलानी ने ख़ुद अमेरिकी समाचार नैटवर्क सीएनएन के साथ एक साक्षात्कार में इस बात का ज़िक्र किया है कि वे एचटीएस को ख़त्म करने की सम्भावना पर चर्चा कर रहे हैं.

गेयर पैडरसन ने कहा, “इसलिए, फिर से, मैं इस बात पर ज़ोर देना चाहता हूँ कि हम अभी उस दौर में हैं जिसे हम बहुत ही अस्थिर दौर कहते हैं और चीज़ें अभी तक स्थिर नहीं हुई हैं.”

“बदलाव के लिए एक वास्तविक अवसर है, लेकिन इस अवसर का लाभ, सीरियाई लोगों को ख़ुद ही उठाना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र व अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा इसका समर्थन किया जाना चाहिए.”

एचटीएस के साथ अन्तरराष्ट्रीय वार्ता आयोजित करने में एक महत्वपूर्ण सम्भावित बाधा ये है कि यह समूह अब भी सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में एक आतंकवादी संगठन दर्ज है. इस संगठन के साथ कोई अन्तरराष्ट्रीय बातचीत नहीं होने के कारण विपक्षी सेनाएँ अलेप्पो, हमा और होम्स के रास्ते से राजधानी दमिश्क में दाख़िल हो सकी हैं.

ग़ौरतलब है कि दिसम्बर 2015 में सर्वसम्मति से अपनाए गए सीरिया पर मंच के मुख्य प्रस्ताव – संख्या 2254 – में सदस्य देशों से स्पष्ट रूप से एचटीएस के पूर्ववर्ती अल-नुसरा फ़्रंट द्वारा किए गए आतंकवादी कृत्यों को रोकने और दबाने का आहवान किया गया है.

आतंकवाद की सूची

सीरिया के अलेप्पो शहर में बमबारी. दिसम्बर 2024.

गेयर पैडरसन ने सुझाव दिया कि यह आतंकवादी सूची बदलने के आसार नज़र आ रहे हैं. “आपको तथ्यों को देखना होगा और यह देखना होगा कि पिछले नौ वर्षों में क्या हुआ है. उस प्रस्ताव को अपनाए हुए नौ साल हो चुके हैं और अब तक की वास्तविकता यह है कि एचटीएस व अन्य सशस्त्र समूहों की तरफ़ से, सीरियाई लोगों को अच्छे सन्देश व संकेत मिल रहे हैं.”

“वे एकता, समावेशिता के सन्देश भेज रहे हैं और स्पष्ट रूप से कहें तो, हम अलेप्पो व हामा में भी देख रहे हैं, हमने धरातल पर भी आश्वस्त करने वाली चीज़ें देखी हैं.”

उधर युद्ध के कारण निर्वासित बहुत से सीरियाई लोग अब अपने घरों को वापिस लौटने की तैयारी कर रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने, ऐसे हालात में सप्ताहान्त के दौरान दोहा में तुर्कीये, रूस, ईरान और अनेक अरब देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में नज़र आई सामूहिक इच्छा पर ज़ोर दिया. उसमें सीरिया के नए शासकों सेस सत्ता के शान्तिपूर्ण हस्तान्तरण के पक्ष में उनकी प्रारम्भिक आशाजनक घोषणाओं पर पर अमल करने की आशा व्यक्त की गई है.

अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से भी यह सुनिश्चित किए जाने की अपेक्षा व्यक्त की गई है.

सीरिया दूत ने कहा, “जब मैं दोहा से निकल रहा था, तो एक सीरियाई परिवार मेरे पास आया, वे लोग स्वीडन में रह रहे थे और उन्होंने कहा, ‘मिस्टर वपैडरसन, आप जानते हैं, हम बहुत उम्मीद लगाए हुए हैं, हम जानते हैं कि बहुत सी चुनौतियाँ हैं.”

“हमने 10 साल पहले हमा छोड़ा था, हम वास्तव में वहाँ वापस जाना चाहते हैं. हमें उम्मीद है कि यह सम्भव होगा.’ और मुझे लगता है कि यह वास्तव में कुछ ऐसा है जिसकी आज भी बहुत से सीरियाई लोग उम्मीद लगाए हुए हैं.”

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