सीरिया में जब गृहयुद्ध चरम पर था, उस दौरान सुरक्षा परिषद ने सीरिया पर एक प्रमुख प्रस्ताव पारित करके, एचटीएस को आतंकवादी समूह घोषित किया था.
2015 में परिषद द्वारा सर्वसम्मति से अपनाए गए प्रस्ताव 2254 में, सदस्य देशों से “ख़ासतौर पर एचटीएस के पूर्ववर्ती, अल-नुसरा फ्रंट द्वारा किए गए आतंकवादी कृत्यों को रोकने और दबाने” के लिए कहा गया था.
तो क्या इस तथ्य की वजह से एचटीएस के साथ अन्तरराष्ट्रीय या संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली वार्ता और सीरिया में मज़बूत, समावेशी संस्थानों का निर्माण करने, तथा स्थिरता व शान्ति स्थापना के प्रयासों में बाधा आ सकती है?
दूसरी तरफ़ एचटीएस को क्या करना होगा कि वो आतंकवादी संगठनों की श्रेणी से बाहर निकल सके?
यूएन समाचार ने इन्हीं मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक और शान्ति निर्माण मामलों के विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, कीहो चा से विस्तार से बातचीत की.
यूएन समाचार ने उनसे पूछा कि सुरक्षा परिषद किसी भी समूह या व्यक्ति पर किस तरह प्रतिबन्ध लगाती है और उन्हें आधिकारिक तौर पर सूची से बाहर करने के क्या नियम हैं.
कीहो चा: HTS को मई 2014 में आतंकवादी गुटों की सूची में तब शामिल किया गया था, जब ISIL (दाएश) और अल क़ायदा व इनसे जुड़े व्यक्तियों पर लगे प्रतिबन्धों की निगरानी करने वाली सुरक्षा परिषद की समिति ने यह आकलन किया था कि वो एक आतंकवादी संगठन है जिसके तार अल क़ायदा से जुड़े हैं.
जुलाई 2024 में, इस समिति की निगरानी टीम ने एक रिपोर्ट में कहा कि हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) पश्चिमोत्तर सीरिया का एक प्रमुख आतंकवादी समूह है.
इसमें उनके कथित नेता मोहम्मद अल-जोलानी को भी इसी के तहत सूचीबद्ध किया गया, हालाँकि उनका नाम 2013 से ही सूची में मौजूद है.
यूएन समाचार: हयात तहरीर अल-शाम (HTS) को आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किए जाने से उनकी गतिविधियों पर क्या प्रभाव पड़ा है?
कीहो चा: उनके ख़िलाफ़ तीन प्रतिबन्ध लागू किए गए हैं: सम्पत्ति को ज़ब्त किया जाना, यात्रा पर प्रतिबन्ध व हथियारों की ख़रीद पर प्रतिबन्ध.
इसका मतलब यह है कि अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सभी सदस्य देशों से यह अपेक्षा की जाती है कि वो इन उपायों का अनुपालन करेंगे.
यूएन समाचार: अन्तरराष्ट्रीय प्रतिबन्धों के अलावा, क्या कोई देश अपने स्तर पर भी प्रतिबन्ध लगा सकते हैं?
कीहो चा: हाँ, लेकिन इनका संयुक्त राष्ट्र से कोई सम्बन्ध नहीं है. उदाहरण के लिए, हयात तहरीर अल-शाम (HTS), अमेरिका के विदेशी सम्पत्ति नियंत्रण कार्यालय (Office of Foreign Asset Control) के तहत सूचीबद्ध है.
यूएन समाचार: HTS को आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किए जाने का, देश के भविष्य से जुड़ी वार्ताओं एवं समझौतों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
कीहो चा: कुछ समय पहले तक यह सवाल उठ रहा था कि क्या मानवीय संगठनों को सीरिया में काम करने की अनुमति मिल पाएगी. हालाँकि, अब हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के ख़िलाफ़ सम्पत्ति अवरुद्ध उपायों में थोड़ी छूट दी गई है, ताकि मानवीय संगठन अपनी गतिविधियाँ जारी रख सकें.
यह प्रावधान, असद सरकार के पतन से कुछ ही दिन पहले, पिछले हफ़्ते ही अपनाया गया था. यह मानवीय संगठनों के लिए एक वरदान साबित हुआ है, क्योंकि किसी ने भी सीरिया में इस तरह हालात बदलने की उम्मीद नहीं की थी.
अब मानवीय संगठन, प्रतिबन्धों के उल्लंघन के डर के बिना वहाँ काम जारी रख सकते हैं.
यूएन समाचार: क्या इस तरह की मानवीय छूट के और भी उदाहरण हैं? जैसेकि अफ़ग़ानिस्तान में, जहाँ तालेबान को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक मान्यता नहीं मिली है?
कीहो चा: हाँ, अफ़ग़ानिस्तान के लिए सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव में ऐसी मानवीय छूट का प्रावधान दिया गया है. और यह अन्य देशों में भी हुआ है.
बेशक, प्रतिबन्धों को लागू करना और उनका अनुपालन किया जाना महत्वपूर्ण हैं, लेकिन हम यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि मानवीय सहायता समय पर पहुँचे और मानवीय संगठनों को प्रतिबन्धों के उल्लंघन के डर के बिना काम करने की आज़ादी हो.
यूएन समाचार: क्या अन्तरराष्ट्रीय वार्ताओं को सुगम बनाने के लिए भी ऐसी छूट दी गई हैं?
कीहो चा: हाँ, आमतौर पर ऐसी प्रक्रियाएँ मौजूद हैं, जिनके तहत याचिकाकर्ता (आमतौर पर कोई व्यक्ति) विभिन्न कारणों से छूट माँग सकते हैं.
उदाहरण के लिए, तालेबान के उन सदस्यों के लिए, जिन्होंने कहा कि उन्हें राजनैतिक प्रक्रियाओं के लिए अफ़ग़ानिस्तान से बाहर यात्रा करने की ज़रूरत है.
इसके अलावा अन्य कारणों से भी यह छूट दी जा सकती है, जैसेकि चिकित्सा ज़रूरतों, या फिर याचिकाकर्ता सम्पत्ति अवरुद्ध में भी छूट के लिए आवेदन कर सकते हैं.
यूएन समाचार: हयात तहरीर अल-शाम (HTS) को सूची से हटाने और उस पर आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबन्ध नहीं लगाने के लिए क्या करना होगा?
कीहो चा: इसके लिए एक सदस्य देश को सूची से हटाने का प्रस्ताव देना होगा, जिसे सुरक्षा परिषद सम्बन्धित समिति को भेजेगी. सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से बनी इस समिति को, उस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंज़ूरी देना ज़रूरी होगा.
यूएन समाचार: क्या अब तक ऐसा कोई प्रस्ताव दिया गया है?
कीहो चा: हो सकता है कि कुछ सदस्य देश, एचटीएस को आतंकवादियों की सूची से हटाने के किसी प्रस्ताव पर विचार कर रहे हों, लेकिन अब तक इस तरह का कोई अनुरोध आधिकारिक तौर पर सामने नहीं आया है.