यूएन दूत ने इस सप्ताहांत राजधानी दमिश्क में नए प्रशासन के प्रमुख अहमद अल-शरा, कार्यवाहक प्रधानमंत्री मोहम्मद अल-बशीर के अलावा अन्य प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद कहा कि संयुक्त राष्ट्र, सीरिया को सभी प्रकार की सहायता मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है.
गेयर पैडरसन के अनुसार, सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 (2015) के सिद्धान्तों के अनुरूप, देश में संक्रमणकालीन प्रक्रिया को सीरियाई नागरिकों के नेतृत्व व स्वामित्व में आगे बढ़ाया जाना होगा.
उन्होंने कुख्यात कारागार सेडनाया का भी दौरा किया, जहाँ पूर्व शासन व्यवस्था के दौरान हज़ारों लोगों को हिरासत में रखा गया और बुरी तरह यातना का शिकार बनाया गया.
पिछले कुछ दिनों में अनेक परिवार अपने लापता परिजन को ढूंढने के इरादे से वहाँ पहुँचे हैं.
विशेष दूत पैडरसन ने सीरियाई वार्ता आयोग के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाक़ात की, जिनमें हाल ही में सीरिया में सैन्य कार्रवाई में शामिल प्रतिनिधि भी थे.
उधर, सीरिया पर स्वतंत्र जाँच आयोग ने सोमवार को सभी पक्षों से आग्रह किया है कि देश में गहरे मानवीय संकट, हिंसा के बीच सभी आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी होगी.
लड़ाई पर विराम नहीं
इस बीच, सीरिया के उत्तरी, पूर्वी व पूर्वोत्तर इलाक़ों में लड़ाई अब भी जारी है. मई 1974 में सीरिया और इसराइल के सैन्य बलों को अलग करने के लिए एक ज़ोन की स्थापना की गई थी.
मगर, पिछले 50 वर्षों में यह पहली बार है जब इसराइली सैन्य बलों ने इस ज़ोन के भीतर प्रवेश किया है. साथ ही, बशर अल-असद सरकार के पतन के बाद से अब तक सीरिया में 500 से अधिक हवाई हमले भी किए हैं.
अमेरिका ने भी 8 दिसम्बर के बाद से अब तक आतंकी गुट आइसिल (दाएश) पर अनेक हवाई हमले किए हैं. वहीं तुर्कीये द्वारा देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में सीरियाई डेमोक्रेटिक फ़ोर्सेस को निशाना बनाया जाना जारी है. इस गुट को अमेरिका का समर्थन प्राप्त है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा सीरिया के लिए नियुक्त स्वतंत्र जाँच आयोग ने ध्यान दिलाया है कि आम नागरिकों की रक्षा की जानी होगी और आत्मसमर्पण करने वाले लोगों के साथ मानवीयता भरा बर्ताव किया जाना होगा.
साक्ष्यों की रक्षा ज़रूरी
अन्तरराष्ट्रीय आयोग ने कहा है कि जवाबदेही तय करने के लिए सभी प्रकार के साक्ष्यों और अपराध स्थलों के साक्ष्य सतर्कतापूर्वरक जुटाए जाने होंगे, ताकि उनकी फ़ोरेंसिक जाँच व विश्लेषण सम्भव हो सके.
वर्ष 2011 में सीरिया में विरोध प्रदर्शन भड़कने के बाद, देश में गृहयुद्ध में अब तक हज़ारों आम लोगों की जान गई है और गम्भीर मानवाधिकार उल्लंघन व दुर्व्यवहार के अनगिनत मामलों को अंजाम दिया गया है. बड़ी संख्या में लोगों के जबरन ग़ायब हो जाने के मामले भी सामने आए.
जाँच आयुक्त हैनी मैगली ने कहा कि 14 वर्षों के बर्बर युद्ध के बाद, सीरियाई नागरिक न्याय पाने के हक़दार हैं. ‘रोम संविदा’ में सूचीबद्ध हर एक अपराध को अंजाम दिया गया है.
“दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना होगा, विशेष रूप से उन्हें, जिनकी सबसे अधिक ज़िम्मेदारी बनती है. और न्याय व जवाबदेही के लिए उठाए जाने वाले क़दमों को आकार देने में सीरियाई नागरिकों को अगुवाई करनी होगी.”
प्रतिबन्धों की समीक्षा
सीरिया में गम्भीर मानवीय संकट है और लाखों लोग विस्थापन का शिकार हुए हैं. देश में क़रीब 1.7 करोड़ लोगों को तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है.
नए सिरे से विस्थापित हुए लोगों को समर्थन की दरकार है मगर मानवीय सहायता एजेंसियाँ भीषण दबाव में काम कर रही हैं और उन्हें अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन चाहिए.
स्वतंत्र आयोग ने सभी सदस्य देशों से मानवीय राहत प्रयासों को समर्थन देने की अपील की है. साथ ही, सीरिया पर थोपे गए प्रतिबन्धों की समीक्षा किए जाने का आग्रह किया है, ताकि उनकी वजह से मानवीय सहायता अभियान में कोई अवरोध पैदा ना हो.