विश्व

साइकिल की सवारी: ‘पैडल की शक्ति’ में छुपे हैं अनेक फ़ायदे

साइकिल के इन्हीं फ़ायदों के बारे में लोगों को जागरूक बनाने और इसका प्रयोग करने के लिए हौसला अफ़ज़ाई करने की ख़ातिर, सोमवार को विश्व साइकिल दिवस मनाया गया.

दो पहियों वाले इस यातायात साधन को, आसान, किफ़ायती, स्वच्छ और पर्यावरण के नज़रिए से टिकाऊ साधन माना जाता है. इसीलिए दुनिया भर में साइकिल का प्रयोग दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. अनेक देशों में तो राष्ट्रों और सरकारों के मुखिया, मंत्री और सरकारी अधिकारी तक, साइकिल चलाते हैं.

इस तरह साइकिल, वायु को स्वच्छ रखने और यातायात भीड़ को कम करने के साथ-साथ, बहुत कमज़ोर परिस्थितियों वाली आबादी के लिए, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य सामाजिक सेवाओं को आसान बनाती है.

टिकाऊ भविष्य में मदद

संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस ने भी, साइकिल के फ़ायदे गिनाए हैं. 

उन्होंने सोमवार को विश्व साइकिल दिवस के मौक़े पर न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम में, सतत भविष्य की प्राप्ति में, साइकिल और अन्य ऐसे यातायात साधनों की अहम भूमिका पर ज़ोर दिया, जिनमें मोटर की ज़रूरत नहीं होती है.

‘पैडल की ताक़त’

डेनिस फ़्रांसिस ने कहा, “ऐसे अनगिनत रास्ते हैं जिनके ज़रिए साइकिल, सतत सचलता के लिए पूरी की पूरी पर्यावरण व्यवस्था बना सकती है – समुदायों को ऐसे व्यावहारिक समाधानों से जोड़ सकती है, जिनकी उन्हें निर्धनता, टकराव, आपदा और आपात स्थिति जैसी दैनिक विषमताओं का सामना करने में ज़रूरत है.”

उन्होंने हर किसी से, “पैडल की शक्ति”, का लाभ उठाने का आग्रह किया.

डेनिस फ़्रांसिस ने साइकिल के लिए लोगों की हौसला अफ़ज़ाई करते हुए कहा, “आइए, हम सभी, साइकिल की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हर किसी को प्रोत्साहित करें – और बदले में सभी टिकाऊ विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्रगति की रफ़्तार बढ़ाएँ, जिनमें एक अधिक स्वस्थ, सुरक्षित, हरित और सभी के लिए अधिक समावेशी भविष्य शामिल है.”

ध्यान दिला दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने, वर्ष 2018 में, साइकिल के अनोखेपन, उसकी लम्बी और किफ़ायती उम्र व उसके अनेक रंग-रूप व योगदान को महत्व देते हुए, 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में मान्यता दी थी.

यह दिवस, तमाम हितधारकों को, सतत विकास को आगे बढ़ाने, शिक्षा क्षेत्र को मज़बूत करने, स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और सामाजिक समावेश को आसान बनाने में, साइकिल की सवारी को बढ़ावा देने की पुकार लगाता है.

इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र के 147 कर्मचारियों और प्रतिनिधियों ने, यूएन साइकिल चुनौती (प्रतियोगिता) में शिरकत की और अपनी आइकिलों पर सामूहिक रूप में साढ़े 16 हज़ार मील का सफ़र तय किया. 

ये दूरी न्यूयॉर्क शहर और हनोई के बीच के फ़ासले के बराबर है.

बुर्कीना फ़ासो में कुछ बच्चे साइकिल चलाते हुए.

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