उद्योग/व्यापार

सरसों तेल की कीमत में गिरावट, बाजार में MSP से 10-12% कम पर बिक रहा है सरसों

खाद्य तेल के मोर्चे पर आम आदमी के लिए राहत की खबर है। दिल्ली के तिलहन बाजार में 12 मार्च को सरसों तेल और सरसों में गिरावट रही। इस बीच, सोयाबीन ऑयल और क्रूड पाम ऑयल, सूरजमूखी आदि तेल की कीमतें स्थिर रहीं। तिलहन बाजार में 12 मार्च को सरसों की 13 लाख बोरियों की आवक रही, जबकि 9 मार्च को यह आंकड़ा 9 लाख बोरी था।

मांग होने की वजह से किसान अपनी फसल को रोक नहीं पा रहे हैं और अपनी जरूरत के हिसाब से इसकी बिक्री कर रहे हैं। हालांकि, उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम कीमत पर इसकी बिक्री करनी पड़ रही है। सोयाबीन, पाम ऑयल और मूंगफली के तेल के साथ भी ऐसी ही स्थिति है। फिलहाल सरसों की बिक्री न्यूनतम समर्थन मूल्य से 10-12 पर्सेंट कम पर हो रही है।

इस पर सरकार को तुरंत ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि अगर यह ट्रेंड जारी रहता है, तो सोयाबीन, कपास, मूंगफली और सरसों की खेती पर इसका गंभीर असर पड़ सकता है। कपास का 75 पर्सेंट स्टॉक पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य से 10-12 पर्सेंट कम है। इसी तरह मूंगफली तेल न्यूनतम समर्थन मूल्य से 6-7 पर्सेंट नीचे पर बिक रहा है। सूरजमूखी तेल के बारे में यह आंकड़ा 30-35 पर्सेंट कम है। सोयाबीन तेल का इंपोर्ट भले ही सस्ता है, लेकिन यह भी न्यूनतम समर्थन मूल्य से 7-8 पर्सेंट नीचे बिक रहा है।

कीमतों में गिरावट से जल्द ही खाद्य तेलों की कमी देखने को मिल सकती है। अगर ऊंची लागत की वजह से पाम और पामोलिन ऑयल का इंपोर्ट नहीं किया जाता है, तो देसी ऑयल बढ़ती मांग को पूरा नहीं कर पाएगी।

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