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समाधानों की पुकार के साथ, यूएन महासभा का 79वाँ सत्र हुआ आरम्भ

गुरूवार को यूएन महासभा के 79वें सत्र की औपचारिक शुरुआत हुई है, जिसे सम्बोधित करते हुए कैमरून के पूर्व प्रधानमंत्री और नए महासभा प्रमुख फ़िलेमॉन यंग ने समतापूर्ण आर्थिक प्रगति हासिल करने पर बल दिया. 

इसके लिए नवाचार और हरित अर्थव्यवस्थाओं को प्रोत्साहन देना होगा और आर्थिक विकास से मिलने वाले लाभों को हर देश के लिए सुनिश्चित करना होगा.

फ़िलेमॉन यंग ने कहा कि शान्ति व सुरक्षा भी उनकी एक मुख्य प्राथमिकता है. इस क्रम में, उन्होंने देशों से ग़ाज़ा पट्टी, हेती, यूक्रेन, और अफ़्रीका के ग्रेट लेक्स क्षेत्र में मौजूदा हिंसक टकरावों के निपटारे का आग्रह किया. 

साथ ही, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून व न्याय के फ़्रेमवर्क को मज़बूती देने के प्रयास किए जाएंगे, और मानवीय सहायता प्रयासों के लिए असेम्बली में आपसी समन्वय को बढ़ाया जाएगा.

महासभा प्रमुख के अनुसार, अन्तरराष्ट्रीय आतंकवाद, ड्रग, मानव तस्करी और आधुनिक दासता की चुनौतियों से निपटने के लिए यह ज़रूरी है कि मानव गरिमा को बरक़रार रखा जाए.

यूएन…समाधानों का स्थल

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने भी सत्र की उदघाटन बैठक को सम्बोधित करते हुए, मुश्किलों से घिरी दुनिया में समाधान की तलाश में सामूहिक कार्रवाई पर बल दिया.

उन्होंने महासभा अध्यक्ष फ़िलेमॉन यंग की दृष्टि व नेतृत्व के लिए उनकी सराहना की, और साझा लक्ष्यों के लिए सभी सदस्य देशों को एकजुट करने के लिए अपना पूर्ण समर्थन दिया.

“पहले दिन से ही, संयुक्त राष्ट्र बहुपक्षीय समाधानों का स्थल रहा है, जिसकी बुनियाद रचनात्मक सहयोग, सम्वाद, कूटनीति व यूएन चार्टर में है.”

एसडीजी में फिर ऊर्जा भरिए

यूएन प्रमुख ने मौजूदा वैश्विक हालात की गम्भीरता की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि निर्धनता में कमी लाने, असमानता को दूर करने और जलवायु संकट समेत अन्य चुनौतियों पर पार पाने के लिए ठोस समाधानों की आवश्यकता होगी.

“हमें समाधानों की ज़रूरत है…टिकाऊ विकास लक्ष्यों में फिर से ऊर्जा भरने और निर्धनता व असमानता का अन्त करने के लिए.” उन्होंने कहा कि आर्थिक प्रगति व रोज़गार सृजन को प्राथमिकता दी जानी होगी, विशेष रूप से महिलाओं व युवजन के लिए.

महासचिव ने उभरती हुई टैक्नॉलॉजी, जैसेकि कृत्रिम बुद्धिमता की अहम भूमिका को भी रेखांकित किया और ध्यान दिलाया कि इनका इस्तेमाल अवरोध पैदा करने के बजाय प्रगति के औज़ार बनाने में करना होगा.

“क़दम-दर-क़दम, समाधान-दर-समाधान, हम एक दूसरे में भरोसे व आस्था का फिर से पुनर्निर्माण कर सकते हैं.” इसके लिए यह ज़रूरी है कि 1945 में यूएन की स्थापना से ही दिशा दिखाने वाले सिद्धान्तों के प्रति नए सिरे से संकल्प दर्शाया जाए.

फ़लस्तीन को मिली सीट

यूएन महासभा के 79वें सत्र के उद्घाटन पर फ़लस्तीन राष्ट्र को जनरल असम्बेली में सदस्य देशों के साथ बैठने के लिए पहली बार जगह मिली, जोकि इसी वर्ष, 10वें आपात विशेष सत्र के दौरान पारित हुए एक प्रस्ताव से सम्भव हो पाया है.

इस प्रस्ताव में महासभा की बैठकों में फ़लस्तीन राष्ट्र की भागीदारी के लिए अतिरिक्त अधिकारों का उल्लेख किया गया है.

मगर, उसके पास मतदान करने या फिर संयुक्त राष्ट्र के मुख्य अंगों जैसेकि सुरक्षा परिषद और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश करने का अधिकार नहीं होगा.

इन अतिरिक्त अधिकारों व विशेषाधिकारों के लिए सुरक्षा परिषद से एक विशिष्ट सिफ़ारिश की आवश्यकता होगी.

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